जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने सचिवालय में कोरोना के रोकथाम और नियंत्रण को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।
सिंह ने प्रदेश और देश के सभी निवासियों से घरों में रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने का सबसे कारगर उपाय घर में रहना है। इसके अलावा उन्होंने आमजन से स्वच्छता का ध्यान रखने और जब तक जरूरी ना हो अस्पताल ना जाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि जो कोई भी खांसी जुकाम या बुखार से पीडित है वह अव्वल तो घर पर ही रहे। यदि बाहर भी निकलना पडे तो मास्क का उपयोग करना ना भूले। उन्होंने आमजन से थोडे थोडे अंतराल में साबुन से हाथ धोने के लिए भी कहा।
सिंह ने एसएमएस अस्पताल में कोरोना की जांच की क्षमता बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल में 20 तकनीशियंस सहित आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। यही नहीं मरीजों की सुविधा के लिए राउंड द क्लॉक जांच करवाई जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में आईसीयू में भर्ती
न्यूमोनिया से पीडित मरीजों का होगा सेम्पल टेस्ट लिया जाएगा। साथ ही पॉजिटिव से सीधे संपर्क में आने वालों की भी होगी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने प्रदेश की मेडिकल कॉलेजों को जांच व उपचार के संबंध में गठित विशेषज्ञों की सेंट्रल टीम के दिशानिर्देश के अनुसार कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं।
उन्होंने बताया कि घरेलू उडानों से आने जाने वाले यातिर््यों की स्क्रीनिंग के लिए भी हवाईअड्डे पर चिकित्सा टीम उपलब्ध रहेगी। उन्होंने इस दौरान भीलवाड़ा में डोर टू डोर सर्वे में सहयोग के लिए राज्य आपदा राहत बल की एक कंपनी भिजवाने के निर्देश भी दिए।
निजी अस्पतालों को दिए विशेष दिशा निर्देश
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर प्रदेश के समस्त निजी अस्पतालों को कोरोना की रोकथाम में सक्रिय सहयोग करने में अलग से आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का अनुसरण करते हुए सहयोग करें। उन्होंने 100 से अधिक बेड वाले निजी अस्पतालों में आइसोलेशन के लिए कुल संख्या के 25 प्रतिशत बेड आरक्षित कर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल कोरोना संदिग्ध लोगों के लिए अलग से आउटडोर रखे ताकि उन्हें कोई परेशानी ना हो और संक्रमण का खतरा भी ना फैले।