उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए लोगों की आशाओं पर खरे उतरें चिकित्सकः कलेक्टर

चिकित्सा विभाग के आशांवित जिलों की कार्यशाला को संबोधित करते कलेक्टर डॉ.एस.पी.सिंह, उपस्थित चिकित्सा विभाग के अधिकारी।

चिकित्सा विभाग के आशान्वित जिलों की एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
सवाई माधोपुर।
 उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए लोगों की आशाओं पर चिकित्सक खरे उतरे, तभी वे अपने पेशे के साथ न्याय कर सकते है। चिकित्सकों को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। चिकित्सक को अपने कार्य एवं सेवाओं से संतुष्टी मिले, तब ही हमारी सार्थकता है। यह बात जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी.सिंह ने रणथंभोर रोड स्थित होटल अनुराग में धोलपुर, करौली, बांरा एवं सवाई माधोपुर जिले के चिकित्सा अधिकारियों की कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्तर पर 5 आशान्वित जिलों का चयन किया गया है, जिनमे से 3 आशान्वित जिलों धौलपुर, करौली और बारां की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन  सवाई माधोपुर जिले में शनिवार को हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नरेश ठकराल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी.सिंह उपस्थित थे।
कार्यशाला में जिला कलेक्टर डॉ एस पी सिंह, राज्य स्तर से डॉ.गुणमाला जैन प्रोजेक्ट डायरेक्टर चाइल्ड हेल्थ, डॉ.अभिनव अग्रवाल स्टेट नोडल ऑफिसर मेटर्नल हेल्थ, डॉ.आर.एन मीना जॉइंट डायरेक्टर एनसीडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, डॉ रघुराज सिंह प्रोजेक्ट डायरेक्टर इम्यूनाइजेशन, रविन्द्र शर्मा ओएसडी, नितिन विजय कंसलटेंट प्लान, सुनील थॉमस स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर यूएनएफपीए, शिवभूमि स्टेट आरएमएनसीएच कॉर्डिनेटर यूएनएफपीए, प्रदीप चौधरी स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर निपी, डॉ अनिल अग्रवाल यूनिसेफ से, डॉ तेजराम मीना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सवाई माधोपुर, एडिशनल सीएमएचओ डॉ कैलाश सोनी, सहित तीनों जिलों के सीएमएचओ, डीपीएम, बीपीएम आदि मौजूद रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि मेडिकल स्टाफ आम लोगों की आवश्यकता के अनुसार, सेवाभावना से कार्य करे तो सेनेरिया बदल सकता है। उन्होंने कहा कि आशंावित जिलों के लिए चैलेन्ज एवं चुनौतियां है, लेकिन इनका डटकर, समर्पित होकर मुकाबला किया जाए तो लक्ष्य प्राप्ति के साथ संतुष्टी भी प्राप्त होती है। उन्होंने अपनी पोषण मुहिम सहित अन्य नवाचारों के अनुभव भी साझा किए तथा चिकित्सा अधिकारियों को आपसी सहयोग,समन्वय एवं समर्पण के साथ कार्य करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में एनएचएम के मिशन निदेशक नरेश ठकराल ने भी आशांवित जिलों के अधिकारियो ंको नीति आयोग के 23 इंडिकेटर्स के अनुसार कार्य करने की बात कही।
कार्यशाला में आशान्वित जिलों में नीति आयोग द्वारा बताए गए 23 सूचकांकों के आधार पर जिले व ब्लॉक स्तर का डाटा एनालिसिस कर उन की प्रगति में आ रहे गैप्स का पता किया गया और साथ ही उन गैप्स को खत्म करने के जिलों का वर्क प्लान बनाया गया। जिलों  का वर्क प्लान जिलों के ही अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य सूचकांकों के आधार पर बनाया गया।
कार्यशाला में पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिलों की गत महीनों की प्रगति के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही इन आशान्वित जिलों की स्वास्थ्य इंडिकेटर्स की रिपोर्ट में अलग अलग माह में आने वाले अंतर के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। उन कारणों के बारे चर्चा कर पता लगाने की कोशिश की गई तथा सुधार के सुझाव दिए गए।