अंबिका माता मंदिर, उदयपुर: शक्ति, शिल्प और शांति का संगम

लाल बलुआ पत्थर से बनी 10वीं शताब्दी की वास्तुकला
Explore Ambika Mata Temple in Jagat near Udaipur — a 10th-century marvel dedicated to Goddess Durga, known for its intricate carvings and spiritual aura.

Ambika Mata Temple Udaipur राजस्थान के उदयपुर ज़िले में स्थित अंबिका माता मंदिर एक प्राचीन हिंदू तीर्थस्थल है, जो देवी दुर्गा के अंबिका रूप को समर्पित है। यह मंदिर जगत गाँव में स्थित है, जो उदयपुर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। इसे “मेवाड़ का खजुराहो” भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी मूर्तिकला खजुराहो मंदिरों की तरह अत्यंत बारीक और कलात्मक है।

Ambika Mata Temple Udaipur

इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था, संभवतः रावल अल्लट या रावल नरवाहन के शासनकाल में। मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसकी दीवारों, स्तंभों और शिखरों पर देवी-देवताओं, अप्सराओं और पौराणिक दृश्यों की सुंदर नक्काशी की गई है। मुख्य गर्भगृह में देवी अंबिका सिंह पर सवार मुद्रा में विराजमान हैं — जो शक्ति, साहस और मातृत्व की प्रतीक हैं।

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मंदिर परिसर में अन्य महिला देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं, जो शक्ति के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं। यहाँ की मूर्तियाँ इतनी जीवंत हैं कि एक साधारण दर्शक भी उनकी कलात्मकता से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता।

मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है। यहाँ पूजा, आरती और विशेष अनुष्ठान नियमित रूप से होते हैं। नवरात्रि और दुर्गा अष्टमी के अवसर पर यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जिनमें स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।

Ambika Mata Temple Udaipur

अंबिका माता मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह राजस्थान की प्राचीन स्थापत्य कला, शक्ति उपासना और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण भी है।