एशिया कप 2025: भारत ने जीता फाइनल, लेकिन ट्रॉफी लिए बिना लौटी टीम इंडिया

“ACC बैठक में राजीव शुक्ला ट्रॉफी सौंपने की मांग करते हुए”

Asia Cup Trophy Controversy: एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर शानदार जीत दर्ज की, लेकिन मैच के बाद जो हुआ उसने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। विजेता टीम इंडिया ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया और बिना ट्रॉफी के ही मैदान से लौट गई। यह विवाद अब क्रिकेट प्रशासनिक स्तर पर गंभीर रूप ले चुका है।

🏆 ट्रॉफी विवाद: सम्मान से समझौता नहीं

Asia Cup Trophy Controversy

भारतीय टीम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह ACC अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं लेगी और चाहती थी कि यह सम्मान एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के वाइस चेयरमैन के जरिए मिले। लेकिन नकवी ने यह शर्त ठुकरा दी। इसके विरोध में भारतीय खिलाड़ी करीब एक घंटे तक मैदान पर ट्रॉफी का इंतजार करते रहे, लेकिन समाधान न निकलने पर ड्रेसिंग रूम लौट गए।

🏨 ट्रॉफी होटल पहुंची, BCCI नाराज़

मैच के बाद मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर अपने होटल चले गए, जिससे BCCI के अधिकारी नाराज़ हो गए। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने इसे “खेल भावना के खिलाफ” बताया और कहा, “हमने सिर्फ यह कहा था कि ट्रॉफी नकवी से न मिले, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो ट्रॉफी लेकर चले जाएं।”

🗣️ सूर्यकुमार यादव को ACC ऑफिस बुलाया गया

BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने ACC बैठक में ट्रॉफी भारत को सौंपने की मांग की, लेकिन नकवी ने कहा कि अगर कप्तान सूर्यकुमार यादव ट्रॉफी चाहते हैं, तो उन्हें ACC ऑफिस आना होगा। यह बयान विवाद को और गहरा कर गया है।

🌍 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच सकता है मामला

माना जा रहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह विवाद ICC तक पहुंच सकता है। फिलहाल, भारत एशिया कप विजेता है लेकिन ट्रॉफी अब भी नकवी के कब्जे में है।

📰 पाकिस्तान की मीडिया भी सक्रिय

Geo Super समेत कई पाकिस्तानी मीडिया संस्थानों ने इस विवाद को प्रमुखता से कवर किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ACC बैठक में कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।

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🇮🇳 टीम इंडिया का स्टैंड: जीत के साथ सम्मान भी जरूरी

Asia Cup Trophy Controversy

इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि टीम इंडिया अब मैदान के बाहर भी अपनी गरिमा और सम्मान को लेकर उतनी ही गंभीर है जितनी खेल के प्रदर्शन को लेकर। खिलाड़ियों की एकता और स्पष्टता क्रिकेट प्रशासन के लिए एक नई मिसाल बन सकती है।