औरंगाबाद ट्रेन एक्सीडेंट: मालगाडी की चपेट में आकर 17 मजदूरों की मौत

प्रवासी मजदूरों को अपनी जान गवांकर लॉकडाउन की कीमत चुकाना पड़ रही है। सुविधाओं के अभाव में इन लोगों ने जब अपने घरों के लिए पैदल सफर शुरू किया तो कइयों को मंजिल से पहले मौत मिली। 24 मार्च से 4 मई के बीच अब तक विभिन्न हादसों में 59 मजदूरों की जान जा चुकी है। ताजा घटनाक्रम महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले का है, जहां ट्रेन की चपेट में आने से 17 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। ये लोग रेल पटरी के सहारे जालना से भुसावल जा रहे थे। अंधेरे में पता नहीं चला और मालगाड़ी की चपेट में आ गए। पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह सवा पांच बजे की है। घटना के बाद रेलवे और स्थानीय पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए।
दक्षिण मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि यह हादसा औरंगाबाद के करमाड के पास हुआ है। मालगाड़ी का एक खाली डिब्बा कुछ लोगों के ऊपर चढ़ गया। घटना उस समय हुई जब मजदूर ट्रेक पर सो रहे थे। दो लोग जख्मी हुए हैं। घटनास्थल पर आरपीएफ मौजूद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।
लॉकडाउन के कारण सभी तरह का परिवहन बंद है, लेकिन फिर भी 24 मार्च से 4 मई के बीच सड़क हादसों में 137 लोगों की मौत देशभर में हुई है। सेव लाइफ फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। 4 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, इनमें 42 प्रवासी मजदूर थे। औरंगाबाद के हादसे के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 59 हो गया है।
सेव लाइफ फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश मजदूरों की मौत घर लौटते वक्त रास्ते में हुई। अधिकांश को तेज गति से आ रही कार या ट्रक ने कुचल दिया। मृतकों में अधिकांश यूपी, बिहार और राजस्थान के हैं।
आपकों बता दें िक लॉकडाउन के दौरान सड़क हादसों का शिकार होने वालों में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जरूरी सेवाओं में लगे थे। जैसे कोई जरूरी दवाएं लेकर जा रहा था तो कोई सब्जी और अनाज जैसी चीजें पहुंचा रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के पहले दो चरण में देशभर में 596 सड़क हादसे हुए। इनमें पंजाब में सबसे ज्यादा 42 लोगों की मौत हुई। वहीं केरल में 26, दिल्ली में 18, कर्नाटक में 12, तमिलनाडु में 7 और असम में 3 लोगों की जान गई।