
Ban Ganga Teerth Bayana राजस्थान के भरतपुर ज़िले के बयाना क्षेत्र में स्थित बाणगंगा तीर्थ एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जिसका उल्लेख महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि जब पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान बैराठ (विराट नगर) में रुके थे, तब अर्जुन ने जल की आवश्यकता होने पर बाण मारकर धरती से जलधारा उत्पन्न की — जिसे आज बाणगंगा नदी के रूप में जाना जाता है।
यह तीर्थ स्थल प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। यहाँ हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा को बाणगंगा मेला आयोजित होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु स्नान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। यह मेला राजस्थान के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है और स्थानीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।
Ban Ganga Teerth Bayana
बाणगंगा नदी का उद्गम जयपुर ज़िले के बैराठ की पहाड़ियों से होता है और यह भरतपुर होते हुए उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले में यमुना नदी में मिल जाती है। यह नदी राजस्थान की एकमात्र ऐसी जलधारा है जो बिना किसी सहायक नदी के अपने स्रोत से विलय तक बहती है।
Read More : शिला माता मंदिर, आमेर: शक्ति की चमत्कारी आराधना और राजपूत इतिहास का प्रतीक
तीर्थ स्थल पर स्नान घाट, मंदिर और पूजा स्थल बने हुए हैं। यहाँ आने वाले श्रद्धालु जल में स्नान कर पापों से मुक्ति और मन की शांति की कामना करते हैं। आसपास के गाँवों से लोग पैदल यात्रा कर यहाँ पहुँचते हैं, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता और जन-आस्था का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
Ban Ganga Teerth Bayana
बाणगंगा तीर्थ न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह राजस्थान की पौराणिक विरासत, जल संस्कृति, और लोक आस्था का प्रतीक भी है।