28 सितंबर 2025 को भारत ने शहीद भगत सिंह की 118वीं जयंती मनाई। यह दिन उस युवा क्रांतिकारी को समर्पित है जिसने मात्र 23 वर्ष की आयु में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। भगत सिंह आज भी युवाओं के लिए साहस, विचार और बदलाव की प्रेरणा हैं।
🟨 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के बंगा गाँव में हुआ था। उन्होंने लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारी सॉन्डर्स पर हमला किया और बाद में दिल्ली विधानसभा में बम फेंककर अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाई।
🟨 भारत में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
देशभर में शहीद स्मारकों, विद्यालयों, और सामाजिक संगठनों द्वारा श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की गईं। छात्रों ने भाषण, कविता पाठ और नाटक के माध्यम से भगत सिंह के विचारों को प्रस्तुत किया।
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🟨 युवाओं की भागीदारी
कॉलेजों में “क्रांति और आज का युवा” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ हुईं। युवाओं ने भगत सिंह के विचारों को वर्तमान सामाजिक मुद्दों से जोड़ते हुए संवाद किया।
🟨 विचारों की पुनर्पुष्टि
भगत सिंह ने कहा था, “बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।” इस जयंती पर उनके लेखों, पत्रों और विचारों को पढ़ने और समझने के लिए विशेष गोष्ठियाँ आयोजित की गईं।
🟨 डिजिटल श्रद्धांजलि
सोशल मीडिया पर #BhagatSinghJayanti और #ShaheedDiwas जैसे हैशटैग ट्रेंड में रहे। लोगों ने उनके उद्धरण, चित्र और प्रेरणादायक संदेश साझा किए।
