बड़ा घोटाला: जो उपकरण आए ही नहीं उन्हें लगा हुआ बताया, 6 अफसर व कर्मचारी सस्पैंड

बिजली वितरण कंपनी के प्रतापगढ़ डिस्कॉम में घोटाले का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि जो सामान कभी आया ही नहीं उसका इस्तेमाल होना बता दिया। मामले में प्रबंध निदेशक ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के 6 अफसर और कर्मचारियों को सस्पैंड कर दिया। सप्लायर फर्म के खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक वीएस भाटी को 24 अक्टूबर को सूचना मिली थी कि प्रतापगढ़ में विद्युत कनेक्शन के लिए काम आने वाले सामान में स्टोर और सब डिवीजन स्तर पर अनियमितताएं की जा रही हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए प्रबंध निदेशक भाटी ने अधीक्षण अभियंता मुकेश बाल्दी को जांच के आदेश दिए थे।

ऐसे करते फर्जीवाड़ा
विद्युत वितरण निगम की जांच में पता चला है 137 सब स्टेशन से भरा ट्रक सप्लाई देने वाली फर्म शान्वी प्लास्टिक प्रोडक्ट जयपुर से चला लेकिन स्टोर में कोई एंट्री नहीं मिली। यहां तैनात सहायक भंडार नियंत्रक पीसी बुंदेला ने बताया कि ट्रक सीधे ही दलोट और अरनोद उपखंडों के सहायक अभियंता कार्यालयों में खाली करवा लिया गया। इनमें 50 सेट अरनोद व 87 सेट दलोट में उतारना बता दिए।

जांच में हुआ खुलासा
जांच दल ने मौके पर जाकर सत्यापन किया तो दोनों ही जगह ये सामान नही मिले। दलोट में दूसरी फर्म के कुछ सेट मिले, लेकिन शान्वी प्लास्टिक से प्लाई किए गए सामान नहीं थे। जिम्मेदार सहायक अभियंताओं एवं कर्मचारियों ने बहाना बनाया कि सेट फील्ड में अलॉट कर दिए गए हैं। लेकिन, वे जांचकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर सके। जब दबाव पड़ा तो सहायक नियंत्रक भंडार बुंदेला, कार्यवाहक सहायक अभियंता अरनोद नरेंद्र सिंह व कार्यवाहक सहायक अभियंता दलोट रविशंकर ने 25 अक्टूबर को फर्म से सेट मिलने को बहाना बनाया।

पूरे इलाके में नए सिरे से होगा सत्यापन
प्रबंध निदेशक भाटी ने सहायक भंडार नियंत्रक पीसी बुंदेला, कार्यवाहक सहायक अभियंता नरेंद्र सिंह, कार्यवाहक सहायक अभियंता रविशंकर, दलोट स्टोर इंचार्ज दुर्गा लाल नागर, तकनीकी सहायक प्रतापगढ़ अभय सिंह राव, तकनीकी सहायक अरनोद मुकेश कसाना को निलंबित कर दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निगम का विशेष जांच दल यह देखेगा कि इस तरह का फर्जीवाड़ा कबसे चल रहा है।