अरुणाचल: नीतीश खेल सकते हैं BJP पर अपना ‘पुराना दांव’

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Bihar News: नीतीश कुमार की पार्टी JDU अरुणाचल में मिले झटके का जवाब BJP को कैसे देगी, इस पर उसका रुख धीरे-धीरे साफ होने लगा है। ऐसा लग रहा है कि आज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश अपना पुराना दांव खेल सकते हैं।

पटना: केंद्र के साथ रहकर केंद्र का विरोध करना नीतीश का एक ऐसा दांव रहा है जो वो समय-समय पर आजमाते रहे हैं। इसे दो उदाहरणों से समझा जा सकता है। 2012 में एनडीए में रहते हुए राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश ने कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन कर सबको चौंका दिया था। 2012 में नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा थे। उस वक्त राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार पी ए संगमा के बजाए उन्होंने यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को चुना और जेडीयू ने वोट भी उन्हें ही किया।

दूसरा उदाहरण देखिए, 2015 में महागठबंधन सरकार का हिस्सा होते हुए भी नीतीश ने कई मुद्दों पर केंद्र का समर्थन किया था। 2015 में बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव साथ आ गए थे। लेकिन इसके बाद नोटबंदी, जीएसटी, बेनामी प्रॉपर्टी और सर्जिकल स्ट्राइक पर नीतीश ने लालू के खिलाफ जाकर केंद्र की मोदी सरकार का खुलकर समर्थन किया।

सवाल ये कि इस चर्चा की वजह क्या है? दरअसल अरुणाचल प्रदेश में JDU के 6 विधायक टूटकर BJP में चले गए हैं। ऐसे में नीतीश को NDA में रहकर बीजेपी को जवाब देना है। मसला ये है कि जवाब दिया कैसे जाए। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक नीतीश ऐसे में आज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपना पुराना दांव चल सकते हैं। यानि केंद्र के साथ रहकर भी केंद्र का विरोध।

नीतीश का दांव!

नीतीश की JDU कुछ खास राष्ट्रीय मुद्दों पर BJP से अलग राय बनाकर प्रस्ताव पारित कर सकती है। इससे विरोध का संदेश भी चला जाएगा और बिहार में NDA से अलग होने का रिस्क भी नहीं रहेगा। उधर जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी साफ कह चुके हैं कि पार्टी ने ये तय किया है कि पश्चिम बंगाल समेत देश के दूसरे राज्यों में पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। वहां बीजेपी से कोई तालमेल नहीं होगा, बीजेपी से जेडीयू का तालमेल सिर्फ बिहार में है। दूसरे राज्यों में जेडीयू अपना जनाधार बढ़ाएगी।

BJP-JDU में तू तू-मैं मैं!

केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू के 6 विधायकों को पार्टी में शामिल बीजेपी ने बिल्कुल अच्छा व्यवहार नहीं किया। इस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी में शामिल होने का जेडीयू विधायकों का फैसला है।

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बिहार की उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रेणु देवी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में JDU के 6 विधायकों का बीजेपी में शामिल होने का उनका अपना फैसला है। हम उनकी बात नहीं कर सकते हैं। वहीं बिहार में इसके असर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रेणु देवी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की सियासी घटना का कोई असर बिहार में नहीं पड़ेगा।

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