देश में हुई कोरोना टीका की शुरुआत: दिल्ली के ऐम्स वर्कर को लगी पहली वैक्सीन डोज

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 11 बजकर 05 मिनट पर संबोधन के साथ कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की। देश की राजधानी दिल्ली में ऐम्स के आठवीं मंजिल पर एक सफाई कर्मचारी मनीष कुमार को देश का पहला टीका लगाया गया। टीका लगाते समय केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन व देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान ऐम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया उपस्थित थे। स्वास्थ्यकर्मी के बाद डॉ. गुलेरिया ने भी टीका लगवाया। उन्होंने टीका लगवाकर देश को संदेश दिया कि ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और लोगों को किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। बता दें, यहां भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन लगाई गई है। जहां जहां केंद्र सरकार टीकाकरण केंद्र मैनेज कर रही है, वहां कोवैक्सीन ही लगाई गई है। ऐम्स में टीकाकरण के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने खुशी जाहिर की और टीकाकरण अभियान में जुटे लोगों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह टीकाकरण अभियान संजीवनी का काम करेगी। इससे पहले भारत पोलियो को भी जड़ से खत्म कर चुका है और अब कोरोना को भी खत्म कर देंगे। उन्होंने अपील की कि लोग किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।

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इससे पहले 35 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन बहुत ही कम समय में आ गई है। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। इसके लिए मैं सभी को बधाई देता हूं। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए। कहा कि हमें बचाने के लिए कई लोगों ने प्राण संकट में डाल दिए। कई लोग घर लौटकर ही नहीं आए। अब स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है।
इसके साथ ही देश भर में करीब 100 स्थानों पर टीकाकरण की शुरुआत हो गई। आज करीब 3 लाख लोगों को टीके लगाए जाएंगे। पहले चरण में कुल 3 करोड़ लोगों को टीके लगाए जाएंगे। इनमें अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर्स शामिल हैं। सरकार ने पूरा भरोसा दिलाया है कि भारत में बनीं दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने ताली-थाली और दिया जलाकर देश के आत्मविश्वास को बनाए रखा। कोरोना को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका यही था कि जो जहां था वहीं रहे। लेकिन देश की इतनी बड़ी आबादी को बंद रखना आसान नहीं था। इसका अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, यह भी हमारी चिंता थी, लेकिन हमने व्यक्ति की जिंदगी को प्राथमिकता दी।

Corona Vaccine का द्वितीय ड्राई रन पूरा सभी जिलों के 102 सेंटर्स पर ढाई हजार से अधिक फ्रंट वारियर्स का हुआ मॉक ड्रिल

जयपुर: प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वैक्सीनेशन का द्वितीय ड्राई रन (मॉक ड्रिल) सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। सभी जिलों के कुल 102 वैक्सीन सेंटर्स स्थापित कर कुल 2 हजार 550 स्वास्थ्यकार्मिकों कोविड-19 वैक्सीन का मॉक ड्रिल हुआ। इस दौरान कोविड-19 वैक्सीनेशन के पश्चात लाभार्थियों को हो सकने वाले संभावित सामान्य प्रतिकूल प्रभावों एवं आवश्यक कोविड प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी गई।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कोरोना वैक्सीनेशन का द्वितीय ड्राई रन है एवं इससे पूर्व प्रदेश में 2 जनवरी को मॉक ड्रिल 7 जिलों के 18 सेंटर्स पर आयोजित करके कुल 424 कोरोना वारियर्स के लिए मॉक ड्रिल किया गया था।  उन्होंने बताया कि इन दोनो ड्राई रन के दौरान पूरी सावधानी और वैज्ञानिक प्रोटोकॉल की पालना के साथ टीकाकरण प्रबंधन किया गया है। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि ड्राई रन के लिए प्रत्येक जिले में वैक्सीन सेंटर की तीन श्रेणियां बनाकर टीकाकरण का मॉक ड्रिल किया गया है। प्रथम श्रेणी में मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय, द्वितीय श्रेणी में सीएचसी,पीएचसी व अरबन डिस्पेंसरी तथा तृतीय श्रेणी में निजी चिकित्सा संस्थानों पर कुल 102 वैक्सीन सेंटर बनाये गये। इन प्रत्येक वैक्सीन सेंटर पर कुल 25 वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने जयपुर के वैक्सीन सेंटर्स पर जाकर ड्राई रन गतिविधियों की निरीक्षण किया एवं सभी जिलों में जिला कलक्टर के नेतृत्व में संयुक्त निदेशक चिकित्सा, सीएमएचओ, आरसीएचओ और अन्य जिला अधिकारियों ने कोविड-109 वैक्सीनेशन गतिविधियों की मॉनीटरिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। 

यूं हुई ड्राई रन की प्रेक्टिस
चिकित्सा ने बताया कि ड्राई रन में सबसे पहले लाभार्थी के लिए टीकाकरण कक्ष व निगरानी कक्ष का मॉडल तैयार कर कोविड वैक्सीन लगाने का रिहर्सल किया गया। इस दौरान लाभार्थी के पहचान दस्तावेजों का वैक्सीनेशन आफिसर द्वारा सत्यापन कर प्रवेश दिया गया। मोबाइल में कोविन साफ्टवेयर पर लाभार्थी को प्रमाणित कर वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण कक्ष में भेजा गया, जहां वैक्सीनेटर ऑफिसर द्वारा टीकाकरण की प्रक्रिया (डेमो) को पूर्ण किया गया और कोविन सॉफ्टवेयर में लाभार्थी के टीके लगाये जाने की एन्ट्री की गई। उन्होंने बताया कि लाभार्थी को 30 मिनिट के लिए निगरानी कक्ष में वैक्सीनेशन आफिसर के द्वारा निगरानी में रखा गया। इस ड्राई रन की प्रक्रिया के दौरान एक लाभार्थी को टीका लगाने में लगने वाले समय एवं कोविन सॉफ्टवेयर में एन्ट्री करने में लगे समय का आकलन व साफ्टवेयर के संचालन की प्रक्रिया को जांचा गया।  

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