
Daily Puja Method: सनातन धर्म में दैनिक पूजा-पाठ को आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और जीवन संतुलन का आधार माना गया है। घर में नियमित रूप से पूजा करने से न केवल वातावरण पवित्र होता है, बल्कि व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल भी जागृत होता है।
🕉️ पूजा-पाठ की सही विधि
- स्थान चयन: घर में उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण में पूजा स्थल बनाएं
- स्नान और शुद्धता: पूजा से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और मन को शांत करें
- दीप और धूप: दीपक जलाकर धूप दें — यह वातावरण को शुद्ध करता है
- मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ विष्णवे नमः”, या “ॐ श्री गणेशाय नमः” जैसे बीज मंत्रों का जाप करें
- आरती और प्रार्थना: आरती के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करें — दिनभर के लिए ऊर्जा और मार्गदर्शन प्राप्त होता है
- जल और नैवेद्य अर्पण: भगवान को जल, फूल, फल या मिठाई अर्पित करें — यह श्रद्धा का प्रतीक है
🔬 वैज्ञानिक दृष्टिकोण
- पूजा के समय मंत्रों का उच्चारण मस्तिष्क में सकारात्मक कंपन उत्पन्न करता है
- दीपक की लौ और धूप की सुगंध से वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है
- नियमित पूजा से तनाव कम होता है और मन एकाग्र रहता है
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🧘♂️ आज के दौर में प्रासंगिकता
Daily Puja Method
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पूजा-पाठ व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण और मानसिक विश्राम का अवसर देता है। यह दिन की शुरुआत को सकारात्मक बनाता है और जीवन में अनुशासन लाता है। डिजिटल युग में यह एक आंतरिक डिटॉक्स का माध्यम बनता जा रहा है।
बच्चों को पूजा में शामिल करने से उनमें संस्कार, संयम और श्रद्धा की भावना विकसित होती है। यह केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि जीवनशैली सुधार और आत्मिक विकास का मार्ग है।