Dengue Fever: खतरनाक है डेंगू का D2 वैरिएंट, हो सकता है जानलेवा हैमरेज, ICMR ने दी चेतावनी

डेंगू की बीमारी बरसात के दिनों में एक आम समस्या हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि इसके रोकथाम के लिए उपाय किया जाएं और अपने दैनिक खान-पान में उन चीजों को शामिल किया जाए जोकि डेंगू से स्वस्थ करने में रामबाण का काम करती हैं.

देश में कोरोना की दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई है और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में डेंगू बुखार ने अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है। यूपी में पिछले 15 दिनों में डेंगू बुखार की वजह से काफी मौतें हो रही है। इनमें भी प्रमुख रुप से फिरोजाबाद, आगरा और मथुरा में इसका असर ज्यादा दिख रहा है। वहीं ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि डेंगू बुखार से मरने वाले बच्चों और वयस्कों के टेस्ट से पता चला है कि उनमें डेंगू का Den 2 वैरिएंट पाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि डेंगू का D2 स्ट्रेन जानलेवा हैमरेज की कारण बन सकता है। इसलिए उन्होंने सलाह दी कि जैसे ही किसी को बुखार हो, वह तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जांच कराए।

क्या हैं इसके लक्षण?

डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू के D2 वैरिएंट के शुरुआती लक्षणों में मरीज को तेज बुखार होना, शरीर में प्लेटलेट्स में गिरावट आना, रक्तस्रावी बुखार, अंग विफलता और डेंगू शॉक सिंड्रोम शामिल है। विशेषज्ञों का दावा है कि वायरल सीरोटाइप का 99 प्रतिशत मामलों में इलाज संभव है, बशर्ते मरीज की उचित देखभाल की जाए। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने भी बताया कि D2 का इलाज संभव है। इसके लिए सबसे जरुरी है कि समय रहते अस्पताल पहुंचा जाए। अगर सामान्य बुखार भी हो रहा है, तो बिना देरी के अस्पताल का रुख करें।

इन दिनों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में डेंगू और वायरल बुखार का असर देखा जा रहा है। चिंता की बात यह है कि इस साल मरीजों में बच्चों की तादाद कुछ ज्यादा है। हाल ही में दिल्ली में भी डेंगू ने काफी कहर बरपाया था। माना जा रहा है कि फिलहाल उत्तरप्रदेश में जो आउटब्रेक देखने को मिल रहा है, वह D2 की वजह से ही है।

UP में पैर पसारता डेंगू

इस साल भी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर डेंगू ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. मथुरा के हॉस्पिटल्स डेंगू के मरीजों से भर चुके हैं और नए मरीजों के लिए बेड्स भी नहीं है. फिरोजाबाद और कानपुर में भी डेंगू का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है. यूपी में पिछले 24 घंटे में 10 लोगों की मौत डेंगू की चपेट में आने के बाद हुई है. ऐसे में हमें खुद को कोविड-19 के साथ-साथ अब इससे भी बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आइए आपको बताते हैं कि डेंगू से बचाव (Dengue) के लिए क्या करना चाहिए और अगर डेंगू हो भी जाए तो बिना घबराए कैसे रिकवर किया जा सकता है.

​शरीर में न होने दें पानी की कमी

दिन भर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं. डिहाइड्रेशन (Dehydration) से भी कई बीमारियां होती हैं, लिहाजा आपको अपने शरीर में पर्याप्त पानी की मात्रा पहुंचानी चाहिए. बहुत सारे तरल पदार्थ डेंगू से जल्दी ठीक होने की कुंजी हैं. चीनी के बजाए आप मीठे में फलों के रस या डायरेक्ट फ्रूट को ही अपने खाने में शामिल करें जो आपको लंबे समय तक हाइड्रेट रखते हैं.

क्या खाएं और क्या न खाएं ?

डेंगू की रिकवरी में आंवला, कीवी, संतरा, अनानास जैसे खट्टे फल जरूर खाएं. इसके अलावा अनार और पपीता को भी अपनी डाइट में शामिल करें. सब्जी, सूप को नहीं भूलना चाहिए और आप छाछ भी ले सकते हैं. आहार में घर का हल्का खाना जैसे खिचड़ी और मूंग-दाल खाएं और गेहूं की रोटियों से परहेज करें. ज्वार की रोटियां पचने में हल्की होने के कारण खाई जा सकती हैं. प्रोसेस्ड और फास्ट फूड बिल्कुल न खाएं. चीनी से भी बचें, क्योंकि इसके सेवन से इलाज में देरी होती है.

बचाव के घरेलू उपाय

पपीते के पत्ते का रस (20ML 2-3 बार) पिएं. यह प्लेटलेट्स में सुधार के लिए सबसे अच्छा है. इसका स्वाद कड़वा होता है इसलिए आप इसमें थोड़ा शहद मिला सकते हैं. आंवला और व्हीट ग्रास जूस के साथ गिलोय का रस भी मरीज की इम्यूनिटी और प्लेटलेट्स में सुधार करने में मदद करता है. डेंगू में पपीते के पत्ते के रस की प्रभाविकता पर न सिर्फ आयुर्वेद बल्कि विज्ञान ने भी मुहर लगाई है. 

इन बातों का रखें खास ख्याल

छाछ, नारियल पानी, चूने का पानी, सौंफ का पानी, बिना चीनी के ताजे फलों के रस और गूदे के साथ एवं निश्चित रूप से सादा पानी जैसे तरल पदार्थों से खुद को हाइड्रेट करते रहें. विटामिन डी प्राप्त करने के लिए डेली थोड़ी देर के लिए धूप में व्यायाम करें और हेल्दी और बैलेंस यानी संतुलित भोजन करें. प्रोसेस्ड फूड से दूरियां बनाकर रखें, क्योंकि ठीक होने के बाद डेंगू फिर से हो सकता है क्योंकि इस वायरस के कई अलग-अलग स्ट्रेन हैं.

नोट: (इस लेख में प्रकाशित जानकारी, सामान्य सूचनाओं और घरेलू नुस्खों पर आधारित हैं. Badhti kalam इसकी पुष्टि नहीं करता है. दरअसल अलग-अलग तरह के वायरस से होने वाले इन्फेक्शन्स का कारण है वायरल फीवर (Viral Fever). इसके बुखार का इलाज सिम्प्टम्स के आधार पर किया जाता है, इसलिए इसके लक्षण दिखने पर नजरअंदाज ना करें और फौरन अपने डॉक्टर से सलाह लें.)