
Dung Beetle Valmiki Tiger Reserve बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में एक ऐसा कीट पाया जाता है, जो आकार में छोटा लेकिन ताकत में बेजोड़ है। इसे आमतौर पर गुबरैला कहा जाता है।
आकार में छोटा, ताकत में बेजोड़
Dung Beetle Valmiki Tiger Reserve
बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में एक ऐसा कीट पाया गया है, जिसे दुनिया के सबसे ताकतवर कीटों में गिना जाता है। इसका नाम है डंग बीटल, जिसे आम भाषा में गुबरैला कहा जाता है। यह कीट अपने वजन का 100 गुना तक भार खींचने में सक्षम है।
बायोलॉजिस्ट की पुष्टि
VTR के डिविजन 02 में कार्यरत बायोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ वर्मा बताते हैं कि डंग बीटल बीटल परिवार का सदस्य है और यह वन्य जीवों के गोबर को अपना आहार बनाता है। गोबर में मौजूद लिक्विड में पनप रहे जीवाणुओं को यह खाता है।
गोबर को गोल आकार में बदलता है
यह कीट गोबर को इकट्ठा करता है, उसे गोल आकार में बनाता है और फिर उसे खींचकर जमीन में गाड़ देता है। वहीं पर यह अपने अंडे देता है, जिससे उसके बच्चों को पोषण मिलता है और जीवन चक्र पूरा होता है।
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72 प्रजातियों की खोज
डॉ. सौरभ ने VTR में डंग बीटल की 72 प्रजातियों की खोज की है। उन्होंने यहां 50 ग्राम तक वजनी डंग बीटल को देखा है, जो भारी गोबर के गोले को आसानी से खींच सकता है।
पर्यावरण के लिए वरदान
Dung Beetle Valmiki Tiger Reserve
डंग बीटल न केवल जंगल की सफाई में मदद करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, फसल उत्पादन सुधारने और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है।
धरती के नन्हे सिपाही
इसकी उपयोगिता को देखते हुए इसे “धरती का नन्हा सिपाही” कहा जाता है। यह कीट पर्यावरण और कृषि दोनों के लिए वरदान साबित होता है और जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है।