शिक्षा और रोजगार: स्किल गैप कैसे खत्म होगा?

Skill Gap India: भारत में शिक्षा और रोजगार के बीच का अंतर — जिसे स्किल गैप कहा जाता है — आज एक बड़ी चुनौती बन चुका है। लाखों युवा डिग्री लेकर निकलते हैं, लेकिन उद्योगों को ज़रूरी कौशल वाले कर्मचारी नहीं मिलते। यह असंतुलन न केवल बेरोजगारी बढ़ाता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी बाधित करता है। ऐसे में सवाल उठता है — स्किल गैप को कैसे खत्म किया जाए?

Skill Gap India

विशेषज्ञों का मानना है कि पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को उद्योग-केंद्रित और व्यावहारिक बनाना होगा। स्कूलों और कॉलेजों में अब केवल थ्योरी नहीं, बल्कि प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग, इंटर्नशिप, और लाइव केस स्टडीज़ को शामिल किया जा रहा है। साथ ही, कोडिंग, डेटा एनालिटिक्स, डिज़ाइन थिंकिंग, और डिजिटल मार्केटिंग जैसे स्किल्स को मुख्यधारा में लाया जा रहा है — जिससे छात्र नौकरी के लिए तैयार हो सकें।

NEP 2020 के तहत अब स्किल डेवलपमेंट कोर्सेस, वोकेशनल ट्रेनिंग, और फाउंडेशनल लिटरेसी को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार के Skill India मिशन और PMKVY जैसी योजनाएँ युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने में मदद कर रही हैं। साथ ही, निजी क्षेत्र भी अब कॉलेजों के साथ मिलकर “फिनिशिंग स्कूल मॉडल” अपना रहा है — जहाँ छात्रों को नौकरी से पहले आवश्यक स्किल्स सिखाई जाती हैं।

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डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे Coursera, Skillshare, और NSDC पोर्टल्स पर अब लाखों युवाओं ने स्किल कोर्स पूरे किए हैं। साथ ही, AI आधारित लर्निंग ऐप्स छात्रों की गति और रुचि के अनुसार कंटेंट प्रदान कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाइल स्किल वैन, सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र और क्षेत्रीय भाषाओं में कोर्सेस से पहुँच बढ़ रही है।

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निष्कर्षतः, स्किल गैप को खत्म करने के लिए शिक्षा को लचीला, व्यावहारिक और उद्योग-संगत बनाना होगा। जब छात्र केवल डिग्री नहीं, बल्कि ज़रूरी कौशल लेकर निकलेंगे — तब रोजगार की दिशा में असली बदलाव आएगा। यह बदलाव केवल नीति से नहीं, बल्कि समाज, उद्योग और शिक्षा संस्थानों के संयुक्त प्रयास से संभव है।