
Eid-e-Milad 2025 इस वर्ष ईद-ए-मिलाद या मिलाद-उन-नबी भारत में 5 सितंबर 2025 को मनाई जा रही है। यह पर्व इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उनके जीवन, शिक्षाओं और मानवता के प्रति उनके योगदान को याद करने का अवसर है।
🟨 पैगंबर मुहम्मद का जीवन संदेश
हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। उन्होंने सत्य, करुणा, समानता और ईश्वर की एकता का संदेश दिया। ईद-ए-मिलाद उनके जीवन की शिक्षाओं को आत्मसात करने का दिन है।
🟨 भारत में उत्सव की झलक
देशभर में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों को रोशनी और हरे झंडों से सजाया। कई शहरों में जुलूस, नात शरीफ का पाठ, और दुआ सभाएं आयोजित की गईं। बच्चों ने पैगंबर की शिक्षाओं पर आधारित भाषण और पोस्टर प्रस्तुत किए।
🟨 सेवा और दान का आयोजन
Eid-e-Milad 2025
ईद-ए-मिलाद पर कई जगहों पर भोजन वितरण, कपड़े दान, और स्वास्थ्य शिविर लगाए गए। यह दिन केवल उत्सव नहीं, बल्कि सेवा और भाईचारे का प्रतीक बन गया।
🟨 शिया और सुन्नी परंपराएं
सुन्नी समुदाय आमतौर पर इसे 12 रबी-उल-अव्वल को मनाता है, जबकि शिया समुदाय 17 रबी-उल-अव्वल को मनाता है। दोनों परंपराएं पैगंबर के जीवन को श्रद्धा से याद करती हैं।
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🟨 एकता और आध्यात्मिकता का पर्व
Eid-e-Milad 2025
ईद-ए-मिलाद केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, आध्यात्मिक चिंतन, और मानवता के मूल्यों को पुनः जागृत करने का अवसर है। यह दिन हमें सिखाता है कि करुणा और सेवा से समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।