कोरोना के सामने हर कोई विवश…

विनोद गुप्ता. कोरोना ने चारों ओर कोहराम मचा रखा है। पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। चारो ओर अस्पतालों में बेड फुल हैं। मरीज अस्पतालों के बाहर कतारों में खडे हैं। बेड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। कई मरीज तो बेड नहीं मिलने की वजह से अपनी जान गवां रहे हैं। परिजन बेड पाने के लिए खूब मनुहार कर रहे हैं। बेड फुल होने की वजह से आखिर हास्पिटल संचालक भी क्या करे? उनके सामने मजबूरी है कि उनके अस्पताल में बेड खाली नहीं है। डॉक्टर के पास इलाज कराने वालों की भीड़ है। हर कोई चाहता है कि उसके मरीज का जल्दी से नम्बर आ जाए। कई बार तो इंतजार में ही मरीज दम तोड़ देता है।
इस समय तो ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। विदेशों से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। इसके बावजूद अस्पतालों में आक्सीजन नहीं है। कई मौतें तो आक्सीजन के अभाव में हो रही है। कई देश हरसंभव सहायता में लगे हुए हैं। इसके बावजूद भारत देश में कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार इसे रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
गत वर्ष कोरोना संक्रमण के दौरान जगह-जगह कोविड सेंटर बनाए गए, लेकिन इस बार कोविड सेंटर नहीं होने से संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेट किया जा रहा है। होम आइसोलेट के दौरान परिवार वाले पूरी सावधानी बरत रहे हैं लेकिन फिर भी परिवार के परिवार संक्रमित हो रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह पहले की भांति प्रत्येक शहर व कस्बे में कोविड सेंटर संचालित करे, जिससे होम आइसोलेट की जरुरत नहीं पड़े। पूरा परिवार संक्रमित होने से बच सके। इस प्रकार की व्यवस्था से संक्रमण होने की गति को लगाम लगेगी।
सरकार को गत वर्ष की भांति सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा करनी चाहिए। लॉकडाउन से ही संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। इस बार बाजार के नियत समय पर खुलने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है। दुकानें खुल रही है तो आम आदमी बाजार में घूम रहा है और वह किसी ने किसी रूप से संक्रमण को अपने घर तक लेकर पहुंच रहा है।
कोरोनाकाल के दौरान कुछ चिकित्सकर्मी व मेडिकल स्टोर वाले मरीज के परिवारजनों को लूटने में लगे हुए हैं। परिवाजनों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। इससे गरीब तबके वाला पूरी तरह लुट जाता है। कई बार तो उसका मरीज व पैसा दोनों ही नहीं बचते। आखिर क्या चिकित्साकर्मी व मेडिकल स्टोर वाले का दिल नहीं पसीजता कि वह जो कर रहा है गलत कर रहा है या सही?
सरकार अपने स्तर पर प्रयास में जुटी है लेकिन उससे अधिक जिम्मेदारी हमारी है कि हमें घर में ही रहकर परिवार को सुरक्षित रखना है। अति आवश्यक कार्य हो तो ही घर से बाहर निकलें वह भी पूरी सुरक्षा के साथ।
बढ़ती कलम की अपील है कि घर में रहें, स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें। वेक्सीनेशन कराकर स्वयं के साथ अपने परिवार को सुरक्षित करें।

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