चक्का जाम के बाद अगली रणनीति तय करने के लिए किसान संगठनों की आज सोनीपत में बैठक होगी। इसमें आंदोलन को तेज कर सरकार बनाने पर वार्ता होनी है। अब 9 फरवरी को गुमथलागढू की अनाज मंडी में होने वाली किसान नेता टिकैत की रैली के लिए गांव-गांव जाकर किसान लोगों को न्योता दिया जा रहा है। फिरोजपुर के गांव चक-जंड वाला की ग्राम पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि गांव के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को दिल्ली धरने पर जाना होगा। दिल्ली नहीं जाने र 2100 रुपये का जुर्माना भरा है।
चक्का जाम ने किसान आंदोलन में एक नई जान डाल दी है। जहां पहले हरियाणा के किसान रात-दिन शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। वहीं अब पंजाब के किसान भी सहयोग देने के लिए बॉर्डर के लिए कूच कर रहे हैं। रविवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों के अचनाक संख्या में इजाफा हुआ है। कुरूक्षेत्र में चक्का जाम के बाद फिर से टोल प्लाजा पर किसान आ ठहरे हैं। बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार कानूनों को रद्द ना कर संशोधन करने में लगी है। इससे किसान राजी नहीं है।
किसानों की सरकार के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी है। 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दम तोड़ते आंदोलन को राकेश टिकैत के आंसुओं ने फिर से सींचा है।