
गणेश उत्सव के 10 दिन घर और जीवन में सकारात्मकता लाने वाले माने जाते हैं। मान्यता है कि इस दौरान कुछ वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और आनंद का वास होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
गणपति की स्थापना की दिशा
गणेश जी की मूर्ति को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या घर के पूजा स्थान पर स्थापित करना शुभ माना जाता है। मूर्ति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
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मूर्ति का आसन व सजावट
गणपति को लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर रखें। चौकी के नीचे हल्दी, अक्षत और सुपारी रखने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।
दीपक और प्रकाश व्यवस्था
मूर्ति के दाहिने (दक्षिण) ओर अखंड दीपक या घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा स्थल पर पर्याप्त रोशनी अवश्य होनी चाहिए और वहां अंधेरा बिल्कुल नहीं रहना चाहिए।
इन नियमों का पालन करने से गणेश उत्सव के दौरान घर में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।