उग्र आंदोलन: हाइवे पर उपद्रवियों का कब्जा, बैकपुट पर पुलिस, एक दर्जन से अधिक वाहन फूंके

डूंगरपुर। उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से चल रहा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन उग्र हो गया। शुक्रवार को दूसरे दिन उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर प्रदर्शनकारियों का उपद्रव जारी है। उपद्रवियों से हाईवे खाली कराने पहुंची पुलिस पर पहाड़ी से पथराव किया गया। उपद्रवी ट्यूब से बनाई गुलेल से पुलिस पर पत्थर फेंक रहे हैं। उधर प्रशासन वार्ता के जरिए मामले को हल करने में भी लगा है। दस लोगों के प्रतिनिधिमंडल से प्रशासन वार्ता के प्रयास में जुटा है। सुबह पुलिस ने उपद्रवियों को एक किलोमीटर पीछे खदेड़ा तथा फंसे हुए वाहनों को रवाना करवाया। कुछ उपद्रवियों को लिया हिरासत में भी लेने की सूचना है। उपद्रवी अभी भुवाली के पास हाईवे व डूंगरी पर डटे हैं कलेक्टर व एसपी सहित सभी आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

मांगें पूरी नहीं होने पर शाम चार बजे के करीब सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर आ गए। रात होते-होते प्रदर्शनकारियों की संख्या डेढ़ से दो हजार तक पहुंच गई। इस दौरान उनके हाथ में पत्थर और लट्ठ थे। इन्होंने पत्थर डालकर हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। एसपी की गाड़ी सहित 3 सरकारी वाहन फूंक डाले। इस अंधाधुंध पत्थरबाजी में एएसपी, डीएसपी, थानेदार समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए। रात 9 बजे तक आंदोलनकारियों का प्रदर्शन जारी था। बिछीवाड़ा थानाधिकारी इंद्रजीत परमार पुलिस जाप्ता के साथ अभ्यर्थियों को समझाने के लिए गए। हाईवे खोलने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान अचानक पत्थर की बौछार शुरू हो गई।

यूं समझें मामला

  • शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को जनजाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर सैक​ड़ों अभ्यर्थी 7 सितंबर से कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
  • पुलिस अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से वार्ता कर उन्हें समझाया कि यहां पर पड़ाव न डालें। जिला कलेक्टर से अनुमति प्राप्त कर उनके द्वारा निर्देशित स्थान पर कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए अपना धरना प्रदर्शन करें।
  • फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। इस पर बिछीवाड़ा पुलिस ने कोविड की धारा व गैर जमानती धारा में दो अलग अलग मामले दर्ज किए थे। इसकाे लेकर अभ्यर्थियाें में गुस्सा था।