Ganesh Visarjan 2025 गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव का समापन 6 सितंबर 2025 को गणेश विसर्जन के साथ हुआ। देशभर में श्रद्धालुओं ने “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों के साथ अपने आराध्य को विदाई दी।
🟨 विसर्जन की परंपरा
गणेश चतुर्थी पर स्थापित गणपति प्रतिमाओं को दसवें दिन जल में विसर्जित किया जाता है। यह भगवान गणेश के कैलाश लौटने की प्रतीकात्मक यात्रा मानी जाती है।
🟨 शोभायात्राओं की भव्यता
मुंबई, पुणे, जयपुर और इंदौर जैसे शहरों में हजारों भक्तों ने ढोल-ताशों के साथ शोभायात्राएं निकालीं। प्रतिमाओं को फूलों, रोशनी और पारंपरिक वस्त्रों से सजाया गया।
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🟨 इको-फ्रेंडली विसर्जन
Ganesh Visarjan 2025
इस वर्ष कई शहरों में इको-फ्रेंडली गणपति को बढ़ावा दिया गया। मिट्टी की प्रतिमाएं, कृत्रिम तालाबों में विसर्जन और जल प्रदूषण रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए।
🟨 सुरक्षा और व्यवस्था
पुलिस और नगर निगम ने विसर्जन स्थलों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की। ड्रोन कैमरों से निगरानी, मेडिकल टीम और ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था रही।
🟨 भावनात्मक विदाई
Ganesh Visarjan 2025
भक्तों ने अंतिम आरती के साथ बप्पा को मोदक, नारियल और फूल अर्पित किए। “अगले बरस तू जल्दी आ” के जयकारों ने माहौल को भावुक बना दिया।
