
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बड़ा हादसा, 3 की मौत और 1 बच्ची लापता, गूगल मैप की विश्वसनीयता पर सवाल
चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में गूगल मैप की वजह से बड़ा हादसा सामने आया है। यहां एक वैन रात के अंधेरे में गूगल मैप पर भरोसा करते हुए तीन साल से टूटी पड़ी पुलिया पर चली गई। वैन में सवार परिवार बनास नदी के तेज बहाव में बह गया। इस हादसे में वैन में सवार 9 लोगों में से 5 को किसी तरह बचा लिया गया, लेकिन दो महिलाएं और दो बच्चियां पानी में फंस गईं। इनमें से 4 साल की बच्ची और दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची अब भी लापता है।
गांव वालों ने रोका था, लेकिन परिवार नहीं माना
कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने बताया कि जब परिवार वैन लेकर पुलिया की तरफ जा रहा था तो गांव के लोगों ने उन्हें रोका और बताया कि पुलिया टूटी हुई है तथा तीन साल से बंद है। इसके बावजूद, वैन चालक ने गूगल मैप पर दिखाए गए रास्ते पर भरोसा किया और हादसा हो गया।
आखिर कैसे काम करता है गूगल मैप?
गूगल मैप आज हर किसी की ज़रूरत का हिस्सा बन चुका है। यह हमें कुछ सेकंड में रास्ता, ट्रैफिक और लोकेशन की जानकारी देता है। लेकिन इसके पीछे कई जटिल तकनीकें काम करती हैं:
- सैटेलाइट इमेज: पृथ्वी की हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें लेकर नक्शा तैयार किया जाता है।
- स्ट्रीट व्यू कैमरे: गाड़ियों पर लगे 360° कैमरे सड़कों और आसपास के इलाके की तस्वीरें लेकर मैप में जोड़ते हैं।
- यूजर्स का लाइव डेटा: मोबाइल लोकेशन ऑन रहने पर ट्रैफिक जाम, दुर्घटना या कंस्ट्रक्शन जैसी जानकारी गूगल तक पहुंचती है।
- डेटा प्रोसेसिंग: मशीन लर्निंग और जियोस्पेशल एनालिसिस से सही रास्तों और स्थितियों की पहचान की जाती है।
नई सड़क या टूटे रास्ते की जानकारी कैसे अपडेट होती है?
गूगल मैप के अपडेट दो स्रोतों से आते हैं:
- स्थानीय प्रशासन – जब कोई सड़क या पुल बंद होता है, तो प्रशासन वहां बैरिकेडिंग या बोर्ड लगाता है।
- यूजर कंट्रीब्यूट फीचर – कोई भी व्यक्ति ऐप में जाकर जानकारी अपडेट कर सकता है, जिसे गूगल वेरिफाई कर ऐप पर जोड़ता है।
यानी, अगर इस पुलिया के टूटने की जानकारी किसी ने ऐप पर अपडेट की होती, तो हादसा रोका जा सकता था।
राजस्थान में पहले भी हो चुके ऐसे हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है जब गूगल मैप के भरोसे हादसा हुआ हो।
- फरवरी 2025, जयपुर: ट्रेलर ड्राइवर हाईवे की बजाय तुंगा गांव की संकरी गलियों में फंस गया था। 8 घंटे बाद क्रेन से निकाला गया।
- अप्रैल 2025, सीकर: गूगल मैप का सहारा लेकर चल रही इनोवा अचानक रुकी, पीछे से ट्रक की टक्कर में बड़ा हादसा हुआ।
- 2021, जैसलमेर: गूगल मैप से रास्ता ढूंढते युवक रेगिस्तान में भटककर सीमा चौकी तक जा पहुंचे।
- 2021, जालोर: श्रद्धालुओं से भरी बस गलत रास्ते पर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई, 6 की मौत हुई।
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट्स का कहना
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह गूगल की बड़ी लापरवाही है। जब कोई रास्ता सालों से बंद हो और वहां से वाहन न गुजरते हों, तो गूगल को तुरंत उस रास्ते को बंद कर देना चाहिए। साथ ही प्रशासन को भी टूटे पुल और सड़कों पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाना जरूरी है।