कभी सोचा है कुएं चौकोर या तिकोने क्यों नहीं होते… सभी कुएं गोल ही क्यों बनाते हैं?

BADHTI KALAM: प्राचीन काल से लेकर अब तक हमारे रहन सहन में काफी बदलाव आया है. आज जीवन काफी आसान है, लेकिन पहले कामों को करने के लिए काफी जटिल तरीके अपनाए जाते थे. पहले पानी के लिए लोग नदियों पर आश्रित थे. उसके बाद इंसान ने अपनी बुद्धि के दम पर कुएं खोदकर पानी निकालना शुरू किया. ये कुएं आज भी हमें देखने को मिल जाते हैं. आपने भी न जाने कितनी बार कुआं देखा होगा, लेकिन क्या आपने गौर किया कि ज्यादातर कुएं गोल ही होते हैं! क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि इनका आकार हमेशा गोल ही क्यों होता है? दरअसल, इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है, जिसके बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं.

पानी की आपूर्ति के लिए कुओं का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. पुराने समय में ग्रामीण इलाके में लोग कुएं से मिलने वाले पानी पर ही निर्भर हुआ करते थे. आज भी बहुत सी ऐसी जगहें हैं, जहां लोग कुएं से पानी निकालकर इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, समय के साथ विकास हुआ और ज्यादातर जगहों पर कुओं की जगह नल, बोरिंग और ट्यूबवेल आदि ने ले ली. 

उम्र लंबी रखने के लिए बनाया जाता है गोल

अब सवाल यह बनता है कि ये कुएं गोलाकार ही हुआ करते थे, जबकि पानी तो चौकोर, षटकोण या तिकोने कुएं में भी रह सकता था? दरअसल, कुएं की उम्र को लम्बा रखने के लिए इनका आकार गोल निर्धारित किया गया. यूं तो कुएं को चौकोर, षटकोण या त्रिकोण जैसे आकार में भी बनाया जा सकता था, लेकिन ऐसा करने में उसकी उम्र ज्यादा नहीं होगी.

यह है वैज्ञानिक कारण 

कुएं में बहुत सारा पानी रहता है, ऐसे में उसमें जितने ज्यादा कोने होंगे उन कोनों पर पानी का दबाव भी उतना ही ज्यादा पड़ेगा, जिससे उनमें जल्द ही दरारें पड़ने लगेंगी और वह कम समय में ही धंसने लगेगा. जबकि, गोलाकार कुओं में यह समस्या नहीं होती है. इसमें सारी दीवार के गोल होने के कारण पानी का प्रेशर पूरे कुएं पर एक समान रहता है. ऐसे में यह कुएं सदियों तक ऐसे ही बरकरार रहते हैं.