गंगापुर में हुई ऐतिहासिक सेमिनार: महिलाओं को अपने अधिकार व स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक

गंगापुर सिटी। महिलाओं को अपने अधिकार एवं स्वास्थ्य के प्रति जगरूक करना अपने आपमें एक बहुत बड़ी पहल है। यह बात विधायक रामकेश मीना ने रविवार को विजय पैलेस में महिला सशक्तिकरण, जागरूकता एवं स्वास्थ्य सजगता को लेकर आयोजित सेमिनार में कही।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का गंगापुर शहर में पहला आयोजन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित हुई। इतने भव्य आयोजन बड़े महानगरों में देखने को मिलते थे। लेकिन गंगापुर में इस प्रकार का यह आयोजन कर अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन (महिला) सवाईमाधोपुर ने एक अनूठी पहल की है।

उन्होंने संगठन की जिलाध्यक्ष डॉ. तृप्ति बंसल से कहा कि इस प्रकार की सेमिनार शहर में ही सिमटकर नहीं रह जाए। इस मुहिम को गाँव-गाँव तक पहुंचाने की पहल करें।
एडीजे शालिनी गोयल ने महिलाओं को अपने अधिकारों का उपयोग करने, निर्भिक व निडर होकर आत्मनिर्भरता की ओर शिक्षा के साथ बढऩे के लिए जोर दिया।
उपजिला कलक्टर अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि गंगापुर जैसे शहर में महिला जागरूकता से संबंधित सेमिनार आयोजित करने पर संगठन को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यहां कि महिलाएं सतर्क है, सजग है, सशक्त है, इसलिए ऐसी सेमिनार का आयोजन कर महिलाओं को मानसिक तौर पर मजबूत करना व उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना है।

जगन्नाथ विश्वविद्यालय विधि विभाग में सहायक प्रोफेसर अलकनन्दा राजावत ने कहा कि जब से देश में महिलाओं को लेकर सख्त कानून बने हैं तभी से महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस करने लगी है। महिलाओं के योन उत्पीडऩ सहन नहीं करना चाहिए। महिलाओं के साथ होने वाली छींटाकशी भी योन उत्पीडऩ में आती है। इसके खिलाफ भी परेशान महिलाएं आवाज उठा सकती हैं।
सहायक प्रोफेसर राजावत ने बताया कि महिलाओं को निडर होकर आगे बढऩे की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं को अपने अधिकारों से संबंधित कई जानकारियां दी। कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं ने भी अपने अधिकारों के बारे में जानकारी हासिल की। छात्राओं ने मन में अनसुलझे सवालों के जवाब हासिल किए।
सेमीनार में जयपुर से वक्ता के रूप में राजस्थान विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग में प्रोफेसर एण्ड हेड डॉ. मुक्ता अग्रवाल ने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने को कहा। घर में उपलब्ध खाद्य पदार्थ भी पौषकता से भरपूर होते हैं। अधिकतर घरेलु महिलाएं एनिमिया से पीडि़त होती हैं, जिसको दूर करने के उपाय सुझाए। साथ ही उन्होंने अन्य कई अनबुझी बातें भी बताई, जिसमें उनके द्वारा एक विशेष समूह पर डायबिटिज से संबंधित रिसर्च की गई, जिसके बारे में व खानपान सुधारने की बात कही।

राजस्थान विश्वविद्यालय कानून विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. आरती शर्मा ने सरल एवं सीधे शब्दों में कहाकि महिलाएं अपने आपको कमजोर नहीं समझे। क्योकि आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र मेें आगे आकर स्वयं का, समाज का एवं देश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं को तीन देवियां का दर्जा देते हुए पार्वती को समानता का, सरस्वती को विद्या का एवं लक्ष्मी को सम्पन्नता का रूप बताया। उन्होंने कहाकि बेटा-बेटी में अन्तर नहीं समझें। दोनों का समानता का दर्जा दें।
क्रिएटिव गल्र्स कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. रविबाला गोयल ने महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा एक आवश्यक साधन है। शिक्षा के अभाव में महिला सशक्त हो ही नहीं सकती। महिलाओं को अपने अधिकारों को प्रति जागरूक होने के लिए शिक्षा को प्रथम सोपान बनाना पड़ेगा।
गुप्ता नर्सिंग होम से महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या गुप्ता ने महिलाओं से संबंधित बीमारियों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि समाज में बांझपन एक अभिशाप के रूप में फैलने वाली बीमारी बताई जाती है, जबकि सही डॉक्टर की सलाह एवं जाँच से इसका इलाज सम्भव होता है। इससे संबंधित बात करने में महिलाओं में होने वाली झिझक को दूर करने की बहुत आवश्यकता है। इनफर्टिलिटी केवल औरत की वजह से नहीं होती, कई बार आदमी भी इसके लिए जिम्मेदार होता है।
गुलाब देवी मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड हार्ट सेंटर के निदेशक डॉ. मुकेश बंसल ने कहा कि हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित व्यायाम व खानपान में सुधार बहुत जरूरी है। साथ ही अपने बीपी, शुगर लेवल व कॉलेस्ट्रॉल की जाँच नियमित करवाते रहें। खासकर घरेलु महिलाएं बचा हुआ खाने को भी खुद ही जरुरत से अधिक सेवन करती हैं। इससे सेहत का नुकसान होता है। इस तरह के कार्यक्रमों से महिलाओं में जागरूकता, समानता तथा कानून संबंधित जानकारी महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओं की सार्थकता के बारे में बताया।
जयपुर से आए दिनेश गर्ग एडवोकेट ने महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे जागरूक रहने की बात कही। साथ ही उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में महिलाओं को उनके अधिकार एवं उनके क्रियान्वयन के लिए सरकारों ने समय-समय पर कानून में बदलाव किया है। महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए कई सारी राजनीतिक एवं गैर-राजनीतिक संस्थाएं आगे आ रही है। महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यशालाएं विगत वर्षों में हुई है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कई उदाहरण देकर महिलाओं को जागरूक रहने एवं अपने हक के लिए आवाज उठाने की बात कही। उन्होंने आश्वस्त किया है कि महिला को कानून ने संबंधित किसी भी प्रकार की सहायता का आवश्यकता पड़े तो वे सदैव तत्पर हैं। महिला का सम्पत्ति में बराबर का अधिकार के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में सवाईमाधोपुर से एडीपी व संगठन के जिलाध्यक्ष अनिल जैन ने कार्यकारिणी के साथ गंगापुर में आयोजित सेमिनार में हिस्सा लिया। एडीपी जैन ने पॉक्सो एक्ट के बारे जानकारी दी। सवाईमाधोपुर से संगठन महामंत्री चित्रा जैन, मीनाक्षी मंत्री व रेणु गोयल ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता (धर्मकांटा वाले) ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन होते रहेंगे।
कार्यक्रम के दौरान विधायक मीना ने सशक्तता की मिसाल महिला ललिता धाकड़ का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।
सेमिनार की शुरुआत गुलकन्दी देवी आदर्श विद्या मंदिर की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद लैंंगिक समानता पर क्रिएटिव गल्र्स कॉलेज की बालिकाओं ने नाटक का मंचन किया। बालिका माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं नाटक के माध्यम से बेटी की शिक्षा पर जोर दिया। गायिका काजल जादौ द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर शानदार गायन की प्रस्तुति दी, जिसे सभी लोगों ने खूब सराहा। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं द्वारा राजस्थानी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।

अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन (महिला) सवाईमाधोपुर की जिलाध्यक्ष डॉ. तृप्ति बंसल ने सेमिनार में आए सभी अतिथियों, वक्ताओं, कार्यकारिणी सदस्य व आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सेमिनार में शहर के सभी संगठन के पदाधिकारियों सहित गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया।