लहरिया उत्सव के बीच मनाया स्वतंत्रता दिवस समारोह

अंतरराष्ट्रीय जिला वैश्य महिला संगठन की ओर से आयोजित हुआ कार्यक्रम

गंगापुर सिटी। अंतरराष्ट्रीय जिला वैश्य महिला संगठन की जिला अध्यक्ष श्रीमती रीना पल्लीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को विजय पैलेस में लहरिया उत्सव के साथ-साथ स्वतंत्रता दिवस भी धूमधाम से मनाया गया। इस भव्य कार्यक्रम में दर्जनों महिलाओं की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि चंद्रकला गुप्ता और विशिष्ट अतिथि डॉ. रश्मि जैन की गरिमामयी उपस्थिति ने उत्सव की शोभा बढ़ाई। संयोजक ऊषा सेठी, छगनी बरडिय़ा, सरिता गुप्ता और लक्ष्मी गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक महिला ने बढ़-चढक़र हिस्सा लेकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम में तहसील अध्यक्ष रेखा अग्रवाल अपनी कार्यकारिणी टीम के साथ उपस्थित रहीं। वैश्य महिला संगठन की मंत्री उर्मिला डांस, कोषाध्यक्ष बबीता खण्डेलवाल, उपाध्यक्ष वर्षा नाटाणी और साक्षी गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष कुशाला खूंटेटा, प्रदेश मंत्री शिप्रा गोयल ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला महामंत्री रचना मित्तल ने की। उन्होंने लहरिया के इतिहास, उसकी संस्कृति और इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए उत्सव का शुभारंभ किया। इसके बाद संयोजक टीम ने मंच संचालन का जिम्मा संभाला। सभी महिलाएं रंग-बिरंगी लहरिया साडिय़ों में सज-धजकर आईं, जिससे माहौल ओर भी रंगीन और उल्लासपूर्ण बन गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आकांक्षा गुप्ता, लक्ष्मी गुप्ता, सरिता गुप्ता, सरिता बजाज, मधु पंसारी और साक्षी अग्रवाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती रेनू गुप्ता द्वारा गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद मनोरंजक सामूहिक नृत्य प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन नृत्यों को कविता खूंटेटा एण्ड ग्रुप, कृष्णा ठाकुरिया एण्ड गु्रप, निर्मला खारवाल एण्ड ग्रुप और ममता खण्डेलवाल एण्ड ग्रुप ने प्रस्तुत किया। संयोजक टीम ने रोचक गेम्स भी आयोजित किए, जिनमें रक्षा बरडिय़ा, आरती जैन, ममता जैन, हेम गुप्ता, मोनिका जैन और अल्पना मंगल ने जीत दर्ज की। इसके अतिरिक्त, प्रश्नोत्तरी में कविता रावत, सरिता बजाज और शिप्रा गोयल विजेता रहीं।
कार्यक्रम के आकर्षण में मिसेज लहरिया और सावन क्वीन की प्रतियोगिता शामिल रही, जिसमें ममता गंगवाल और अनिता बंसल ने बाजी मारी।
जिला अध्यक्ष रीना पालीवाल ने इस महोत्सव के माध्यम से महिलाओं को सामाजिक बंधनों से मुक्ति दिलाने का संदेश दिया और उन्हें समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।