
नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मार्च 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक गोपनीय चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका सौदों से चीन के हितों को संभावित नुकसान पर चिंता जताई थी। यह चिट्ठी भारत-चीन संबंधों में एक नया मोड़ साबित हुई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह पत्र बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी पहुंचाया गया2।
📜 चिट्ठी के मुख्य बिंदु
- अमेरिका-भारत व्यापार समझौतों से चीन को नुकसान की आशंका
- चीन की ओर से संबंध सुधारने की पहल, नेतृत्व एक प्रांतीय अधिकारी को सौंपा गया
- भारत ने जून तक कोई ठोस जवाब नहीं दिया, लेकिन हालात बदलते ही प्रतिक्रिया दी
- शी ने भारत-चीन संबंधों को “ड्रैगन-एलिफेंट टैंगो” कहा
Read More : रिहायशी इलाकों में मगरमच्छों की दस्तक, शिवाजी कॉलोनी से रेस्क्यू
🇮🇳 भारत की नाराजगी और अमेरिका से तनाव
- ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान में सीजफायर कराया — भारत ने खारिज किया
- भारत पर 50% टैरिफ लगाए गए, जिससे मोदी सरकार नाराज हुई
- भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता विवादों में फंसी
- इसके बाद भारत ने चीन की पहल को गंभीरता से लेना शुरू किया3
🧭 मोदी की चीन यात्रा और SCO सम्मेलन
- 7 साल बाद पीएम मोदी चीन जा रहे हैं — 31 अगस्त को SCO समिट में भाग लेंगे
- शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात संभावित
- सीमा विवाद सुलझाने और व्यापार बढ़ाने पर सहमति बनी4
🛕 राजनयिक और व्यापारिक पहल
- अजीत डोभाल और एस. जयशंकर ने चीन में उच्च स्तरीय वार्ताएं कीं
- चीन ने भारत को उर्वरक और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति का भरोसा दिया
- अडानी, रिलायंस और JSW समूह चीनी कंपनियों से साझेदारी की योजना बना रहे हैं