भारत ने शुरू किया ‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रोजेक्ट, CDS चौहान

भारत अपनी सुरक्षा ढाल को और मजबूत करने के लिए ‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रणाली पर काम शुरू कर चुका है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ऐसा कवच तैयार करना है, जो मिसाइल या ड्रोन जैसी किसी भी दुश्मन की चाल को हवा में ही नाकाम कर दे। प्रोजेक्ट का ड्राफ्ट पेश कर दिया गया है और सेनाओं में तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

इजरायल जैसा आयरन डोम
जनरल चौहान ने संकेत दिए कि यह प्रणाली इजरायल के आयरन डोम जैसी होगी। जिस तरह आयरन डोम ने इजरायल को रॉकेट हमलों से बचाया, उसी तरह भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ देश के सैन्य और गैर-सैन्य ठिकानों की रक्षा करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। यह कदम पाकिस्तान और चीन की सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखकर उठाया गया है।

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हाईटेक तकनीकों का इस्तेमाल
इस प्रोजेक्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, बिग डेटा और एडवांस्ड कंप्यूटेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होगा। यह सिर्फ रक्षा प्रणाली नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और सुरक्षा का मेल होगा।

2035 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
‘सुदर्शन चक्र’ को पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य 2035 रखा गया है। CDS चौहान ने तीनों सेनाओं के एकीकरण पर ज़ोर दिया और कहा कि भविष्य की जंगें अकेले किसी एक शाखा से नहीं जीती जा सकतीं