भारतीय वायुसेना ने मिग-21 को भावपूर्ण विदाई दी

जयपुर। भारतीय वायुसेना के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान मिग-21 की विदाई यात्रा राजस्थान के नाल एयरबेस से शुरू हो गई। सोमवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने खुद मिग-21 में उड़ान भरकर इस ऐतिहासिक विमान को भावुक विदाई दी।

मिग-21 का इतिहास

मिग-21 पिछले 60 वर्षों से वायुसेना का सबसे भरोसेमंद लड़ाकू विमान रहा है। उड़ान के बाद एयर चीफ मार्शल ने कहा कि यह विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ रहा है और इसकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने 1995 में तेजपुर में अपनी पहली मिग-21 उड़ान की याद साझा की।

तेजस विमान बनेगा उत्तराधिकारी

अब मिग-21 की जगह स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान ले रहा है। एयर चीफ ने बताया कि तेजस का डिजाइन मिग-21 से प्रेरित है और इसमें मिराज जैसे आधुनिक फीचर्स भी शामिल किए गए हैं। उन्होंने इसे मिग-21 का असली उत्तराधिकारी बताते हुए कहा कि तेजस विमानों का करार हो चुका है और जल्द ही एक नया करार भी साइन किया जाएगा।

Read More: उदयपुर में भारी बारिश के बीच कार नाले में गिरी, 3 लोग लापता

अंतिम स्क्वाड्रन और सेवा समाप्ति

फिलहाल मिग-21 की आखिरी दो स्क्वाड्रन (कुल 36 विमान) नाल एयरबेस पर तैनात हैं। वायुसेना के अनुसार, 19 सितंबर 2025 को मिग-21 को पूरी तरह सेवा से हटा दिया जाएगा। मुख्य विदाई समारोह चंडीगढ़ एयरबेस पर आयोजित किया जाएगा। छह दशकों तक आकाश की शान रहे मिग-21 अब इतिहास का हिस्सा बनेंगे, लेकिन उनकी गूंज हमेशा भारतीय वायुसेना की वीरता और गौरव के प्रतीक के रूप में याद की जाएगी।