
ISKCON Temple Vrindavan मथुरा जनपद के पवित्र नगर वृंदावन में स्थित ISKCON श्रीकृष्ण बलराम मंदिर गौड़ीय वैष्णव परंपरा का एक प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) द्वारा स्थापित किया गया था और आज यह विश्वभर के भक्तों के लिए श्रीकृष्ण भक्ति का जीवंत तीर्थ बन चुका है। यह मंदिर श्रीकृष्ण–बलराम, राधा–श्यामसुंदर और गौर–निताई की भक्ति, हरिनाम संकीर्तन और वैश्विक आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है।
ISKCON Temple Vrindavan
🌟 इतिहास और स्थापना
- मंदिर की स्थापना A.C. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा 1975 में राम नवमी के दिन की गई थी
- यह ISKCON का प्रथम मंदिर है जिसे भारत में स्थापित किया गया और इसे श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
- प्रभुपाद जी का समाधि मंदिर भी इसी परिसर में स्थित है, जो सफेद संगमरमर से निर्मित है
🛕 मंदिर की विशेषताएँ और मूर्तियाँ
- मुख्य वेदी पर विराजमान हैं श्रीकृष्ण और बलराम
- दाहिनी वेदी पर हैं राधा–श्यामसुंदर, ललिता और विशाखा
- बाईं वेदी पर हैं गौरांग महाप्रभु, नित्यानंद प्रभु, और स्वामी प्रभुपाद व उनके गुरु भक्तिसिद्धांत सरस्वती
- मंदिर परिसर में हरिनाम संकीर्तन, भागवत कथा, और प्रसाद वितरण नियमित रूप से होता है

Read More: केदारनाथ मंदिर: हिमालय की गोद में शिव का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग और मोक्ष का द्वार
🎉 उत्सव और आध्यात्मिक गतिविधियाँ
ISKCON Temple Vrindavan
- प्रमुख पर्व: जन्माष्टमी, राधाष्टमी, गौर पूर्णिमा, बलराम पूर्णिमा, नित्यनंद त्रयोदशी, शरद पूर्णिमा, दीपावली, और अम्बिका एकादशी
- अम्बिका वन, रामनरेती, और यमुना तट के समीप स्थित यह मंदिर श्रीकृष्ण के बाललीलाओं से जुड़ा हुआ है
- मंदिर में प्रतिदिन मंगल आरती, गुरुपूजा, भागवत दर्शन, और संध्या आरती होती है