
Jagannath Temple Puri पूर्वी भारत के ओडिशा राज्य में स्थित जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के जगन्नाथ रूप को समर्पित है। यह मंदिर भारत के चारधाम तीर्थों में से एक है और अपनी रथ यात्रा, नवकलेवर परंपरा, और आदिवासी पूजा पद्धति के लिए विश्वविख्यात है।
🌟 पौराणिक और धार्मिक महत्ता
Jagannath Temple Puri
- भगवान जगन्नाथ को कृष्ण का विशिष्ट रूप माना जाता है, जो उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ पूजित होते हैं
- मान्यता है कि राजा इंद्रद्युम्न ने स्वप्न में भगवान के दर्शन पाकर इस मंदिर की स्थापना की थी
- मूर्तियाँ नीम की लकड़ी से बनी होती हैं और हर 12 या 19 वर्षों में इन्हें नवकलेवर अनुष्ठान के तहत बदला जाता है
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🛕 मंदिर का इतिहास और स्थापत्य
- वर्तमान मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंगा वंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने कराया था
- मंदिर की वास्तुकला कलिंग शैली में है — जिसमें मुख्य शिखर, नाट मंडप, भोग मंडप और जगमोहन शामिल हैं
- मंदिर परिसर में 120 से अधिक छोटे मंदिर और देवालय स्थित हैं
- चार प्रवेश द्वार हैं — सिंह द्वार (पूर्व), हस्ति द्वार (उत्तर), अश्व द्वार (दक्षिण), और व्याघ्र द्वार (पश्चिम)
🎉 रथ यात्रा और अनुष्ठान
Jagannath Temple Puri
- हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को आयोजित होती है रथ यात्रा, जिसमें तीन विशाल लकड़ी के रथों में भगवानों को गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है
- यह यात्रा विश्व के सबसे बड़े धार्मिक जुलूसों में से एक है
- पूजा पद्धति में दैतापति सेवक, जो आदिवासी परंपरा से जुड़े हैं, विशेष भूमिका निभाते हैं