
Jeen Mata Temple Sikar राजस्थान के सीकर ज़िले में अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित जीण माता मंदिर एक प्राचीन शक्तिपीठ है, जो देवी दुर्गा के एक रूप जीण माता को समर्पित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान और लोक परंपराओं का भी प्रतीक है।
मंदिर का इतिहास लगभग 1000 वर्षों पुराना माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहाँ आकर देवी जी की पूजा की थी। “जीण” शब्द “जीया” से निकला है, जिसका अर्थ है जीवन या आत्मा — जो देवी के जीवनदायिनी स्वरूप को दर्शाता है।
Jeen Mata Temple Sikar
मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक राजस्थानी शैली में निर्मित है, जिसमें संगमरमर की नक्काशी, विस्तृत मंडप और गर्भगृह में विराजमान काले पत्थर की मूर्ति प्रमुख आकर्षण हैं। मूर्ति को लाल चुनरी, फूलों और चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है। मंदिर परिसर में शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।
हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर में भजन संध्या, जागरण, और विशेष पूजा अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। राजस्थान के कई समुदायों — जैसे शेखावत, चौहान, कच्छवाहा — की कुलदेवी के रूप में जीण माता की पूजा होती है।
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मंदिर तक पहुँचने के लिए जयपुर से लगभग 112 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। यात्रा मार्ग में चोमू, रींगस, और रेवासा जैसे स्थान आते हैं। सड़क मार्ग सुगम है और निजी टैक्सी या बस सेवा से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
मंदिर के आसपास घना जंगल और पहाड़ी वातावरण है, जो इसे एक प्राकृतिक ध्यान केंद्र भी बनाता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु केवल पूजा ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक अनुभव के लिए भी आते हैं।
Jeen Mata Temple Sikar
जीण माता मंदिर आज भी अपने चमत्कारों, लोक मान्यताओं, और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान न केवल धार्मिक तीर्थ है, बल्कि एक ऐसा स्थल है जहाँ श्रद्धा, संस्कृति और प्रकृति का संगम होता है।