श्री कैलादेवी मंदिर: करौली की शक्तिपीठ, रक्षा और करुणा की देवी का पवित्र धाम

चामुंडा देवी की प्रतिमा कैलादेवी मंदिर के पास स्थित
राजस्थान के करौली ज़िले में स्थित श्री कैलादेवी मंदिर देवी महायोगिनी माया के रूप को समर्पित शक्तिपीठ है। यह मंदिर चमत्कारों, रक्षक शक्ति और राजवंशीय श्रद्धा का प्रतीक है, जहाँ हर वर्ष चैत्र मेले में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

Kaila Devi Temple Karauli राजस्थान के करौली ज़िले में स्थित श्री कैलादेवी मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो देवी कैलादेवी को समर्पित है। यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों के बीच, कालिसिल नदी के किनारे स्थित है और हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पूजनीय स्थल है।

कैलादेवी की पूजा का मुख्य कारण उनकी रक्षक शक्ति, मातृत्व भाव, और चमत्कारी उपस्थिति है। मान्यता है कि देवी कैलादेवी महा योगिनी माया का अवतार हैं — वही देवी जो भगवान कृष्ण के जन्म के समय कंस द्वारा मारी जाने वाली कन्या के रूप में प्रकट हुई थीं और आकाश में उड़कर कहा था: “जिसे तू मारना चाहता है, वह पहले ही सुरक्षित है।”

Kaila Devi Temple Karauli

मंदिर का इतिहास 11वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब एक योगी बाबा ने नागरकोट से मूर्ति को आक्रमणों से बचाने के लिए बैलगाड़ी में लाया। बैल ने करौली के जंगलों में एक स्थान पर रुककर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया — इसे दैवी संकेत मानकर मूर्ति वहीं स्थापित की गई। बाद में 1723 ई. में महाराजा गोपाल सिंह जी ने मंदिर की नींव रखी और इसे संगठित रूप दिया।

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मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी संगमरमर शैली में निर्मित है — जिसमें चेकर्ड फर्श, विशाल प्रांगण, और देवी की मूर्ति के पास स्थित चामुंडा देवी की प्रतिमा भी है। गर्भगृह में माँ कैलादेवी की मूर्ति अत्यंत प्रभावशाली है, जो भक्तों को संकटों से मुक्ति, संतान सुख, और रोग निवारण का आशीर्वाद देती है।

Kaila Devi Temple Karauli

यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह करौली की सांस्कृतिक विरासत, राजवंशीय परंपरा, और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक भी है। हर वर्ष चैत्र मास में यहाँ विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए दर्शन के लिए आते हैं।