गंगापुर सिटी। लायंस क्लब गंगापुर सिटी गरिमा द्वारा सीके बिड़ला हॉस्पिटल, जयपुर के सहयोग से होटल नरूका प्राइड में एक विशेष हेल्थ टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहर के नागरिकों, लायंस क्लब के पदाधिकारियों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सीके बिड़ला हॉस्पिटल, जयपुर के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. संजीव सिंह रहे, जिन्होंने कमर दर्द (Back Pain) विषय पर विस्तृत, वैज्ञानिक एवं अत्यंत उपयोगी जानकारी प्रदान की।
डॉ. सिंह ने बताया कि आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में कमर दर्द एक आम लेकिन तेजी से बढ़ती समस्या है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रमुख वजहों में-गलत ढंग से बैठना, लंबे समय तक एक ही पोस्चर में काम करना, मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग, मोटापा और एक्सरसाइज की कमी जैसे कारक शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि “गलत जीवनशैली रीढ़ पर दबाव बढ़ा देती है, जिससे डिस्क डीजेनेरेशन और नर्व प्रेशर जैसी गंभीर स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।”

उन्होंने श्रोताओं को कमर दर्द से बचाव के लिए सरल लेकिन प्रभावी उपाय भी बताए। इनमें सही पोस्चर अपनाना, एर्गोनोमिक कुर्सी-टेबल का उपयोग, पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम, संतुलित आहार और नशे से दूरी बनाकर रखना शामिल हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि छोटे-छोटे सुधार भी लंबे समय में बड़ी समस्याओं से बचा सकते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ संकेतों को बिल्कुल नज़रअंदाज़ न करें, जैसे- पैरों में कमजोरी, सुन्नपन, झनझनाहट, असंतुलन महसूस होना, या बाथरूम कंट्रोल में समस्या। इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत न्यूरो विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि आज की आधुनिक चिकित्सा पद्धतियाँ, विशेषकर मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी, उपचार को अधिक सुरक्षित, कम दर्द वाला और त्वरित रिकवरी वाला बना चुकी हैं।
कार्यक्रम का सफल संचालन सीके बिड़ला हॉस्पिटल के मैनेजर मनीष शर्मा ने किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को अस्पताल की अत्याधुनिक सेवाओं और सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। अंत में लायंस क्लब गंगापुर सिटी गरिमा के पदाधिकारियों ने डॉ. संजीव सिंह को उनके मूल्यवान समय और ज्ञानवर्धक व्याख्यान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य नागरिक, विभिन्न लायंस क्लबों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे। हेल्थ टॉक के माध्यम से लोगों में हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने और रीढ़ की सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश प्रभावी रूप से प्रसारित हुआ।
