करणी माता मंदिर, बीकानेर: चूहों की पूजा का रहस्यमय तीर्थ

मंदिर परिसर की संगमरमर से बनी भव्य संरचनामंदिर परिसर की संगमरमर से बनी भव्य संरचना
Explore Karni Mata Temple in Bikaner, Rajasthan — a unique pilgrimage site known for its sacred rats and mystical legend. Discover its history, timings, and spiritual significance.

Karni Mata Temple Bikaner राजस्थान के बीकानेर ज़िले के देशनोक कस्बे में स्थित करणी माता मंदिर भारत के सबसे अनोखे धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर करणी माता को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। 14वीं शताब्दी में जन्मी करणी माता एक तपस्विनी थीं, जिन्होंने बीकानेर और जोधपुर के किलों की नींव रखी थी।

Karni Mata Temple Bikaner

इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता है — यहाँ निवास करने वाले लगभग 25,000 चूहे, जिन्हें “काबा” कहा जाता है। ये चूहे मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं और श्रद्धालु इन्हें दूध, मिठाई और अनाज अर्पित करते हैं। मान्यता है कि ये चूहे करणी माता के वंशजों और भक्तों के पुनर्जन्म हैं। इनमें से सफेद चूहों को विशेष रूप से शुभ माना जाता है और उनका दर्शन करना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

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मंदिर की वास्तुकला भी आकर्षक है — संगमरमर की नक्काशी, चांदी के दरवाज़े और मुगलकालीन प्रभाव इसकी भव्यता को दर्शाते हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही श्रद्धालु चूहों के बीच से गुजरते हैं, जो उनके पैरों के पास से दौड़ते हैं। यहाँ चूहों द्वारा खाया गया प्रसाद “पवित्र” माना जाता है।

Karni Mata Temple Bikaner

मंदिर प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। दिन की शुरुआत मंगल आरती से होती है और दिनभर भजन-कीर्तन का माहौल बना रहता है। विशेष अवसरों पर जैसे नवरात्रि और करणी माता जयंती पर यहाँ हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

करणी माता मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में पशु पूजन की गहराई और विविधता को दर्शाता है। यह स्थान जिज्ञासा, श्रद्धा और परंपरा का अद्भुत संगम है।