
Kedarnath Temple Uttarakhand उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊँचाई पर स्थित मंदिर है। यह मंदिर चारधाम यात्रा और पंच केदार तीर्थों का प्रमुख केंद्र है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समर्पित है। यह मंदिर पंच केदार, चारधाम यात्रा और हिमालयी तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
🌄 पौराणिक कथा और धार्मिक महत्ता
Kedarnath Temple Uttarakhand
- महाभारत के अनुसार, युद्ध के बाद पांडवों ने अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की खोज की
- शिव ने उनसे बचने के लिए नंदी (बैल) का रूप धारण किया और केदारखंड में छिप गए
- जब भीम ने बैल को पकड़ने की कोशिश की, शिव भूमि में समा गए — उनका पीठ भाग यहाँ प्रकट हुआ
- अन्य अंगों के प्रकट होने से बने पंच केदार: केदारनाथ, तुङ्गनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर, और कल्पेश्वर
🛕 मंदिर का इतिहास और स्थापत्य
- मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य द्वारा 9वीं शताब्दी में पुनः स्थापित किया गया
- यह मंदिर 3583 मीटर (11,755 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है
- मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय हिमालयी शैली में है — जिसमें मोटे पत्थरों से बनी दीवारें और लकड़ी रहित संरचना शामिल है
- गर्भगृह में शिव का स्वयंभू लिंग स्थित है — जो अष्टकोणीय आकार का है

Read More: बद्रीनाथ मंदिर: भगवान विष्णु का हिमालयी धाम और चारधाम यात्रा का उत्तरी द्वार
🧭 तीर्थ यात्रा और मौसम
- मंदिर केवल अप्रैल (अक्षय तृतीया) से नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा) तक खुला रहता है
- शीतकाल में भगवान की पूजा उखीमठ में की जाती है
- मंदिर तक पहुँचने के लिए गौरीकुंड से लगभग 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है
- यात्रा मार्ग में घाटियाँ, झरने, और हिमालयी दृश्य तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं
🌊 2013 की बाढ़ और चमत्कार
Kedarnath Temple Uttarakhand
- 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ में केदारनाथ क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ
- मंदिर के पीछे स्थित एक बड़ा शिला खंड मंदिर को बचाने में सहायक बना — जिसे आज ‘रक्षक शिला’ कहा जाता है