Khejarli Shaheedi Mela 2025: 295 साल पुराने पर्यावरण आंदोलन की याद में जुटा बिश्नोई समाज

Khejarli Shaheedi Mela 2025 में पारंपरिक गहनों में सजी बिश्नोई महिलाएं
Khejarli Shaheedi Mela 2025: 295 साल पुराने पर्यावरण आंदोलन की याद में जुटा बिश्नोई समाज

Khejarli Shaheedi Mela 2025 जोधपुर के खेजड़ली गांव में बुधवार को आयोजित शहीदी मेले में बिश्नोई समाज ने 295 साल पुराने पर्यावरण आंदोलन की याद में 363 शहीदों को श्रद्धांजलि दी। महिलाएं पारंपरिक परिधान और भारी सोने के गहनों में सजी नजर आईं।

🟨 लाखों के गहनों में सजी महिलाएं

मेले में पहुंची महिलाएं 50–80 लाख रुपये तक के सोने के गहनों में सजी थीं। नर्सिंग ऑफिसर मंजू बिश्नोई ने बताया कि उन्होंने 50 तोला सोना पहना है, जो उनके परिवार ने वर्षों में तैयार किया है। पार्वती बिश्नोई ने इसे अपनी संस्कृति का हिस्सा बताया।

🟨 श्रद्धा और पर्यावरण प्रेम का संगम

Khejarli Shaheedi Mela 2025

बिश्नोई समाज के लोग जोधपुर, नागौर, बीकानेर, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश से पहुंचे। उन्होंने हवन कुंड में नारियल की आहुति दी और बलिदान स्थल पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।

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🟨 295 साल पुराना आंदोलन

21 सितंबर 1730 को अमृता देवी ने “सिर सांठे रूंख रहे तो भी सस्तो जांण” कहते हुए खेजड़ी पेड़ से लिपटकर बलिदान दिया। उनके साथ 362 अन्य लोगों ने भी जान देकर पेड़ों की रक्षा की। यह विश्व का पहला अहिंसात्मक पर्यावरण आंदोलन माना जाता है।

🟨 सरकार की पहल और मंदिर प्रतिष्ठा

Khejarli Shaheedi Mela 2025

राजस्थान सरकार ने शहीदों की नामावली के शिलालेख लगवाए हैं। गुरु जम्भेश्वर भगवान के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी एक दिन पहले की गई। मेले के चलते 2 किलोमीटर लंबा जाम भी लगा।