कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे ने आज रेल रोको का ऐलान किया है। किसान यूनियन का कहना है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापिस ले। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरुवार को चार घंटे के रेल रोको (Rail Roko) की योजना बनाई है। किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। वहीं आंदोलन को धार देने के लिए नई रणनीति की भी तैयारी हो रही है।
इसके चलते आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) किया जाएगा। दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसान अपने नदजीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर रेल रोकेंगे। इस दौरान किसान सबसे पहले रेल का फूल मालाओं से स्वागत ककरेंगे। उसके बाद रेल यात्रियों से संवाद करेंगे।
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किसान संगठनों ने आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको अभियान जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं। इससे पहले 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च और फिर 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम आयोजित किया गया था। राकेश टिकैत के आंसुओं ने आंदोलन में जान फूंकी। इसके बाद पश्चिमी यूपी से लेकर पंजाब-हरियाणा तक में किसानों की महापंचायतें हो रही है। पिछली बार चक्का जाम में जहां दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छूट दी गई थी लेकिन इस बार ऐसी कोई हिदायत नहीं है। रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित देशभर में रेलवे सुरक्षा विशेष बल की 20 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है।
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