मेक इन इंडिया: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

“मेक इन इंडिया लोगो के साथ फैक्ट्री में काम करते कर्मचारी”

Make in India Self Reliant Bharat: भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल ने देश को उत्पादन, नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई गति दी है। 2014 में शुरू हुई यह योजना अब 25 से अधिक क्षेत्रों में निवेश, निर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रही है। इसका उद्देश्य है — भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाना और विदेशी निर्भरता को कम करना।

Make in India Self Reliant Bharat

मेक इन इंडिया के तहत अब भारत में मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण, ऑटोमोबाइल और फार्मा जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। PLI स्कीम (Production Linked Incentive) ने कंपनियों को भारत में निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया है। साथ ही, MSME सेक्टर को भी तकनीकी और वित्तीय सहायता दी जा रही है — जिससे स्थानीय उद्योगों को नई पहचान मिल रही है।

इस पहल ने रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभाई है। Skill India और Startup India जैसी योजनाओं के साथ मिलकर अब युवाओं को प्रशिक्षण, उद्यमिता और रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। भारत में अब 1.2 लाख से अधिक स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं — जिनमें से कई “मेक इन इंडिया” के तहत घरेलू उत्पादों को वैश्विक बाज़ार तक पहुँचा रहे हैं।

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मेक इन इंडिया ने विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया है। 2024-25 में भारत ने रिकॉर्ड FDI प्राप्त किया, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में। साथ ही, “वोकल फॉर लोकल” अभियान ने उपभोक्ताओं को भारतीय उत्पादों अपनाने के लिए प्रेरित किया है — जिससे घरेलू ब्रांड्स को नई पहचान मिली है।

Make in India Self Reliant Bharat

निष्कर्षतः, “मेक इन इंडिया” केवल एक योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता हुआ एक आंदोलन है। यह भारत को उत्पादन से नवाचार, और उपभोक्ता से निर्माता की भूमिका में लाने का प्रयास है। यही है वह सोच जो भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाएगी।