राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण: मुख्यमंत्री द्वारा किए गए Media Communication के मुख्य बिंदु

Media Communication
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Media Communication: वर्षों पहले राजस्थान से ही सूचना के अधिकार की पहल हुई थी और राजस्थान देश के उन पहले राज्यों में था, जिसने अपने लोगों को कानून बनाकर सूचना का अधिकार प्रदान किया। इस बार भी सूचना के अधिकार को और अधिक सशक्त बनाने के लिये जनसूचना पोर्टल बनाया है। जिसके जरिए आमजन को सरकारी विभागों, प्राधिकरणों, निगमों से सम्बन्धित सूचनाएं आसान तरीके से उपलब्ध हो रही हैं। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की योजनाओं के सभी लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक तौर पर जनसूचना पोर्टल पर उपलब्ध करवाई है। सुशासन के लिए जनकल्याण पोर्टल (पब्लिक वेलफेयर पोर्टल) लांच किया है। इसमें राज्य सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही सभी योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों, और दस्तावेजों को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत सूचना उपलब्ध करवाने के लिए आरटीआई पोर्टल शुरू किया गया है। अब तक करीब 42 हजार आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 36 हजार का निस्तारण कर दिया गया है। कोरोना के इस समय में आमजन मुख्यमंत्री तक सीधी अपनी बात पहुंचा सके इसके लिए Writetocm@rajasthan.gov.in ईमेल सुविधा शुरू की गई है।

Media Communication: फसली ऋण माफी

17 दिसम्बर 2018 को श्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 19  दिसम्बर, 2018 को ही किसानों के ऋण माफ करने का वादा पूरा करते हुए सहकारी बैंकों के 30 नवम्बर, 2018 तक के सभी बकाया फसली ऋण माफ करने के आदेश दिए। अब तक कुल 20 लाख 55 हजार किसानों का कर्ज माफ किए गए हैं। इसमें से करीब 9 हजार किसानों के 2 लाख रूपये से ज्यादा के कर्ज माफ हुए। • विधानसभा चुनाव से पहले 50 हजार रूपये तक की ऋण माफी की घोषणा की थी, लेकिन पर्याप्त वित्तीय प्रावधान नहीं थे। किसानों के हित में वर्तमान राज्य सरकार ने अतिरिक्त व्यय भी वहन किया और उनके 6 हजार करोड़ रूपये के कर्जे माफ किए। • जिन किसानों के लोन एनपीए हो चुके थे और उनकी जमीन बैंक ने गिरवी रख ली थी, ऎसे 29 हजार किसानों के 2 लाख रूपये तक के अवधिपार लोन (एनपीए) चुका दिए हैं और 1.24 लाख बीघा भूमि गिरवी से मुक्त हो चुकी है।  • इस तरह कुल 14 हजार करोड़ के किसानों के कर्जे राज्य सरकार ने माफ किए हैं। • जिन किसानों के कर्जे माफ हुए हैं, उन किसानों को दोबारा ऋण मिल सके, इसकी व्यवस्था भी राज्य सरकार ने की है। • सहकारी बैंकों का कर्ज माफ करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में था और इसे सरकार ने सिर्फ 24 घंटे में पूरा कर दिया लेकिन चूंकि राष्ट्रीयकृत बैंक, कॉमर्शियल बैंक व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक नियत्रंण में आते हैं, अतः इन बैंकों द्वारा किसानों की कर्जमाफी हेतु राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को वनटाइम सेटलमेंट का प्रस्ताव भेजा है। इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को 2 बार और वित्त मंत्री जी को एक पत्र लिखा जिनका जवाब अपेक्षित है। राजस्थान सरकार एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के बीच 50ः50 अनुपात में वहन करने का भी प्रस्ताव रखा था इसका भी जवाब अपेक्षित है। 

नई MSME पॉलिसी

राज्य में एमएसएमई उद्योगों के विकास के लिये एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इससे उद्यमों को तीन साल तक राज्य के विभिन्न विभागों की स्वीकृतियों एवं निरीक्षणों से मुक्त किया गया है। • ऎसा अधिनियम लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। • निवेशकों को आवश्यक अनुमतियां एक ही स्थान पर देने के लिए ‘‘वन स्टॉप शॉप‘‘ प्रणाली की स्थापना। • ‘‘वन स्टॉप शॉप’’ प्रणाली हेतु ‘‘राज निवेश’’ पोर्टल शुरू। एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं सुलभ होने से राजस्थान निवेशकों की पहली पसंद बनेगा। • इससे राज्य में उद्योगों का विकास होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों पर नियंत्रण

लोगों की खून-पसीने की कमाई हड़पने वाली क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों पर नियंत्रण के लिए कानूनी प्रावधानों का अध्ययन कर उनमें बदलाव किया जाएगा। इससे निवेशकों को न्याय और अपराधियों को सजा मिल सकेगी।• प्रदेश में ऎसा सिस्टम विकसित करेंगे जिससे अनरेगुलेटेड (अनियमित) जमा स्कीम्स को हतोत्साहित किया जा सकेगा, ताकि कोई भी अवैध सोसायटी अधिक ब्याज का लालच देकर लोगों से पैसा न हड़प सके। • राज्य सरकार के प्रयासों के कारण केन्द्र ने मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध दर्ज शिकायतों में इस्तगासे पेश करने के लिए राज्य सरकार के रजिस्ट्रार, सहकारी समितियों को अधिकृत कर दिया है। इससे केन्द्रीय रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत मल्टी स्टेट सोसायटियों पर राज्य में भी कार्रवाई की जा सकेगी।• कानूनी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए डेजीगनेटेड कोर्ट का गठन किया गया है। इन अदालतों में राज्य सरकार द्वारा दायर किए जाने वाले प्रकरणों में पैरवी करने के लिए लोक अभियोजक/राजकीय अभिभाषकों को निर्देशित किया गया है।• राजस्थान पुलिस द्वारा 1500 से अधिक मुकदमें दर्ज कर दोषियों को सजा दिलवाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।• राज सहकार पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा विकसित की गई है। अब तक 75 हजार से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। 

राज्य सरकार को चिंता है कि अभी जो कानून है उससे क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटियों को दण्ड तो मिलेगा लेकिन निवेशकों को उनकी जमा राशि मिलना कठिन होगा। • इसके लिए हम ‘‘द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट, 2019’’ में संशोधन का आग्रह करने हेतु केन्द्र को पत्र लिखा जाएगा ताकि निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल सके।• राज्य सरकार का प्रयास है कि इन मामलों में केन्द्रीय और राज्य की एजेंसियों के बीच उचित समन्वय स्थापित हो ताकि मामलों का निस्तारण शीघ्रता से हो सके।बेहतर कोरोना प्रबंधन। 


• राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की मिसाल पूरे देश में दी जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री ने 200 से ज्यादा वीसी के जरिए नियमित समीक्षा बैठक की और समाज के हर तबके को साथ लिया।• राजस्थान ऎसा राज्य है जहां कोविड जांच शत-प्रतिशत पूर्ण विश्वसनीय आरटीपीसीआर पद्धति से की जा रही है। इसके अलावा केवल तमिलनाडु में ही ऎसा किया जा रहा है। • कोरोना की जांच से लेकर इलाज तक सब कुछ निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। • लॉकडाउन के समय प्रवासियों एवं श्रमिकों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई। 

कानून-व्यवस्था

थाने पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होने की स्थिति में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एफआईआर दर्ज करवाने की व्यवस्था की है और पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज न करने वाले थानाधिकारी पर कार्यवाही सुनिश्चित की है।• प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृृढ़ बनाने और प्रत्येक पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए राज्य में पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। इससे भले ही राज्य में अपराध दर्ज होने के आंकड़े बढ़े हों लेकिन आमजन का पुलिस पर भरोसा बढ़ा है। • पुलिस सहायता तेजी से सुलभ हो सके इसलिए 112 ERSS SYSTEM शुरू किया गया है। साथ ही पुलिस सहायता के लिए ट््विटर हैंडल ‘राजस्थान पुलिस हेल्पडेस्क’ शुरू किया गया है।• हर फरियादी को सम्मान के साथ अपनी बात कहने का मौका मिल सके इसलिए पुलिस थानों में स्वागत कक्ष बनाए जा रहे हैं। • मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग को रोकने के लिए हमने कानून बनाया है।

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अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

आमजन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए 18 दिसम्बर 2019 से “निरोगी राजस्थान“  अभियान का शुभारम्भ किया।• इस अभियान को सफल बनाने के लिए करीब 93 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन किया गया है। • 2 साल में 90 नये कॉलेज खोले गए हैं। साथ ही 201 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं। • राजस्थान पहला राज्य है जहां प्रत्येक शनिवार को ‘‘नो बैग डे’’ शुरू किया गया है। • 2 हजार करोड़ का कृषक कल्याण कोष का गठन किया गया है।• पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न आधार पर डीएसपी रैंक तक की नौकरियां दी गई हैं। • सरकार ने कानून में संशोधन कर 5 एकड़ तक की कृषि भूमि को कुर्की से मुक्त रखने का प्रावधान किया है, जिससे किसानों के उनकी भूमि से वंचित नहीं किया जा सकेगा। • ग्रामीण क्षेत्र में अपराधों की रोकथाम व पुलिस के कार्याें में पुलिस का सहयोग करने के उद््देश्य से राजस्थान पुलिस द्वारा प्रत्येक थानान्तर्गत स्थित राजस्व ग्राम में 33,847 ग्राम रक्षक सूचीबद्ध किये जा चुके हैं।• राज्य में फ्री इंटरनेट हेतु दिसंबर, 2018 से अब तक लगभग 7000 वाईफाई हॉटस्पॉट उपलब्ध करवाये जा चुके हैं। अब तक कुल 9513 वाईफाई हॉटस्पॉट उपलब्ध करवाये जा चुके हैं।• MSME को 3 वर्ष तक निरीक्षण/अनुमति से मुक्ति और उद्योगों की सुगमता के लिए वन स्टॉप शॉप। • मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत 2 लाख 45 हजार 270 बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के तौर  पर करीब 741 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। • चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए 15 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृृति दे दी है। अब प्रदेश के 33 में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज आने वाले वर्षों में स्थापित हो जाएंगे। शेष तीन जिले जालोर, प्रतापगढ़ और राजसमंद में सरकारी कॉलेज खोलने के लिए केन्द्र सरकार से मंजूरी मांगी है।• जरूरतमंदों को भोजन के लिए इंदिरा रसोई योजना के तहत 8 रूपये में गर्म भोजन की व्यवस्था सभी नगरीय निकायों में की गई है। 

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पत्रकार कल्याण

राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार सम्मान योजना” मार्च 2020 से आरम्भ की गई। 60 साल से अधिक उम्र के पात्र अधिस्वीकृत पत्रकारों की सम्मान राशि (पेंशन) 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई। • पूर्व में पत्रकार/परिवार को बीमारी के इलाज के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता केवल 6 गम्भीर बीमारियों के लिए ही थी। राज्य सरकार ने अब सभी गम्भीर बीमारियों के लिए सहायता देने की व्यवस्था की है • इलाज के लिए उक्त सहायता वर्तमान में देय एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि में वृद्धि कर इसे 2 लाख रूपये तक बढ़ा दिया है।• अधिस्वीकृत पत्रकारों को जारी मेडिकल डायरी सुविधा अब गैर अधिस्वीकृत सवैतनिक पत्रकारों को भी देय कर दी गई है।

 केन्द्र सरकार से मांग

राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से मांग की गई है कि आने वाली कोरोना वैक्सीन सभी प्रदेशवासियों को निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाए। राज्य सरकार ब्रिटेन में कोविड के नये स्ट्रेन से प्रदेश को बचाने के लिए पूरी सावधानी बरत रही है।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 7 जुलाई, 2018 और 6 अक्टूबर, 2018 को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा देने का प्रदेश की जनता से वादा किया था।• ईआरसीपी से प्रदेश के 13 जिलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा व धौलपुर) की पेयजल व सिंचाई समस्या दूर होगी।• भारत सरकार ने पूर्व में 16 बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। • ईआरसीपी का अनुमानित खर्च करीब 40 हजार करोड़ है जो राज्य सरकार के लिए वहन करना संभव नहीं है। • देश के विभिन्न राज्यों की 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया हुआ है परंतु राजस्थान की इस परियोजना को अभी तक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा नहीं दिया है। 

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