जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य स्वास्थ्य योजना (RGHS) में हो रहे फर्जी क्लेम और दवा खरीद को रोकने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब प्राइवेट डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर सरकारी डॉक्टर द्वारा दवा लिखना गैरकानूनी माना जाएगा, जब तक कि जांच रिपोर्ट, बीमारी के लक्षण और हिस्ट्री स्पष्ट रूप से दर्ज न हो।
📋 गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु
🔍 प्रिस्क्रिप्शन की पारदर्शिता
- सरकारी डॉक्टर को प्राइवेट नुस्खे पर दवा लिखने से पहले मरीज की जांच रिपोर्ट, लक्षण और हिस्ट्री दर्ज करनी होगी
- बिना टिप्पणी वाली OPD पर्चियों पर महंगी दवाएं लिखने पर जांच होगी
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👨⚕️ जिम्मेदारी तय
- सीएमएचओ और पीएमओ को जिले स्तर पर निगरानी की जिम्मेदारी
- पिछले दो वर्षों की पर्चियों की जांच के आदेश
💊 संदिग्ध बिलों पर निगरानी
- एक ही परिवार में एक ही दिन में समान बीमारी और महंगी दवाएं खरीदने वाले मामलों की विशेष जांच
- वित्तवर्ष के अंतिम तीन माह में अत्यधिक बिल उठाने वालों पर विशेष नजर
⚠️ पृष्ठभूमि और कार्रवाई
- हाल ही में ₹26 लाख के फर्जी क्लेम का मामला सामने आया
- 473 कर्मचारियों पर कार्रवाई की सिफारिश, 12 कर्मचारी निलंबित, जिनमें 5 डॉक्टर शामिल हैं3
- फार्मेसी और अस्पतालों पर FIR दर्ज, जैसे शिवम ड्रग स्टोर (चुरू), गुरु कृपा हॉस्पिटल (सीकर)
