CBSE की नई व्यवस्था, स्टूडेंट्स चेहरा दिखाकर खोल सकेंगे डिजिटल दस्तावेज

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने स्टूडेंट्स की मदद के लिए अब चेहरा दिखाकर अपने डिजिटल दस्तावेज देखने की प्रणाली शुरू की है। सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स अब Facial Recognition System के जरिए अपने डिजिटल दस्तावेज डाउनलोड कर सकेंगे। इसकी मदद से छात्र बिना आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर के दस्तावेज डाउनलोड करेंगे। Facial Recognition System इस तरह काम करेगी कि यह डेटाबेस में स्टोर डिजिटल इमेज से स्टूडेंट्स के चेहरे को मैच करेगा। यह कंप्यूटर और सामने खड़े स्टूडेंट्स के फेशियल फीचर्स को मैच करेगा और उसके बाद छात्र को दस्तावेजों को डाउनलोड करने की अनुमति दे देगा। इसमें स्टूडेंट्स की लाइव इमेज को उसके CBSE प्रवेश पत्र में सेव फोटो से मैच किया जाएगा। यह मैच होने पर स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट ईमेल कर दिया जाएगा। यह एप्लीकेशन साल 2020 के रिकॉर्ड्स के लिए Parinaam Manjusha और DigiLocker पर उपलब्ध है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने प्रेस रिलीज जारी कर स्टूडेंट्स को इस बात की जानकारी दी है। इस छात्र इस नई तकनीक का लाभ उठा सकेंगे।

डिजीलॉकर पर करोड़ों दस्तावेज उपलब्ध :

सीबीएसई ने डिजीलॉकर पर 12 करोड़ से ज्यादा शैक्षणिक दस्तावेज मुहैया करवाए हैं। स्टूडेंट्स इस पर से मार्क शीट्स, माइग्रेशन सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेजों को हासिल कर सकता है। सीबीएसई का मानना है कि फेस मैचिंग सुविधा उन स्टूडेंट्स के लिए मददगार साबित होगी जो आधार कार्ड नहीं होने या गलत मोबाइल नंबर की वजह से डिजीलॉकर अकाउंट नहीं खोल पा रहे हैं। इसके अलावा यह विदेशी छात्रों को भी मदद करेगी।

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