ऑयल इण्डिया ने प्रदेश में रिन्यूवल एनर्जी क्षेत्र में निवेश में दिखाई रुचि – अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम

खनिज तेल उत्पादन में आधुनिकतम तकनीक साइक्लिक स्टीम सिस्टम का उपयोग

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि ऑयल इण्डिया ने खनिज तेल व प्राकृतिक गैस की माइनिंग व अन्वेषण के साथ ही अब नवीकृत उर्जा खासतौर से सोलर व विण्ड एनर्जी के क्षेत्र में भी निवेश में रुचि दिखाई है। ऑयल इण्डिया द्वारा क्षेत्र में भारी तेल होने के कारण साइक्लिक स्टीम सिस्टम से खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेट्रोलियम खनन की यह अपनी तरह की अनूठी और आधुनिकतम तकनीक है। गौरतलब है कि ऑयल इण्डिया द्वारा राज्य में इस समय तनोट डांडेवाला और बागेवाला में भारी तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा हैं वहीं राज्य में पांच स्थानों पर पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस के तहत खोज कार्य जारी है।       

एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल से सचिवालय में ऑयल इण्डिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ ने मुलाकात के दौरान यह पेशकश की है। उन्होंने बताया कि ऑयल इण्डिया सीएमडी श्री रथ से पिछली चर्चा के दौरान प्रदेश में रिन्यूवल एनर्जी के क्षेत्र में भी आगे आने का आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के सुझाव पर अब ऑयल इण्डिया ने रिन्यूवल एनर्जी के क्षेत्र में भी निवेश की रुचि दिखाई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में एक लाख 50 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 4 पेट्रोलिफेरस बेसिन है। इनमें पीएमएल के तहत ऑयल इण्डिया, ओएनजीसी द्वारा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा हैं वहीं एक्सप्लोरशन लाइसेंस के तहत वेदान्ता, ओएनजीसी और ऑयल इण्डिया द्वारा अन्वेषण कार्य किया जा रहा है।       

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रामगढ़ पॉवर प्लांट के लिए गैस की उपलब्धता को और अधिक बढ़ाने पर सहमति दी है। इससे प्रदेश मंे गैस आधारित बिजली उत्पादन प्लांट को अधिक गैस मिलने से उत्पादन बढ़ेगा वहीं प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। ऑयल इण्डिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ ने बताया कि आयॅल इण्डिया द्वारा तनोट डांडेवाला क्षेत्र में प्रतिदिन 0.52 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा हैं वहीं बाघेवाला में 400 बैरल प्रतिदिन भारी तेल का उत्पादन किया जा रहा है। बीकानेर, जैसलमेर और गंगानगर क्षेत्र में तेल व गैस की खोज का कार्य जारी है। उन्होंने नाचना ओर लूणकरणसर में भूअवाप्ति को लेकर आ रही समस्या के समाधान के लिए आभार व्यक्त किया।       

सीएमडी ऑयल इण्डिया डॉ. रथ ने बताया कि प्रदेश में ऑयल इण्डिया द्वारा 2025 तक 663 करोड़ रुपए खनन और अन्वेषण पर निवेश का कार्यक्रम है जिसमेें से 130 करोड रु. का निवेश किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि ऑयल इण्डिया द्वारा रिन्यूवल एनर्जी के क्षेत्र में अन्य प्रदेशों में कार्य किया जा रहा है। अब राजस्थान में भी रिन्यूवल एनर्जी के क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं।     

चर्चा के दौरान निदेशक पेट्रोलियम श्री करण सिंह राठौड, उपसचिव नीतू बारुपाल, ऑयल इण्डिया के निदेशक कार्यकारी निदेशक अगाडे मेहदी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।