जयपुर: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बालिका लिंग अनुपात को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा, जिसमें प्रदेश भर की सोनोग्राफी सेंटर्स की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिकॉय ऑपरेशंस में गति लाई जाएगी ताकि जन्म से पहले अवैध भू्रण लिंग जांच पर रोक लगाई जा सके।
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PCPNDT ACT
चिकित्सा मंत्री बुधवार को स्वास्थ्य भवन में पीसीपीएनडीटी की राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लिंग अनुपात बढ़ाने के लिए चिकित्सकों को छह महीने का सोनोग्राफी व संबंधित विधा का प्रशिक्षण देकर फील्ड संबंधित नियोजित किया जाएगा। उन्होंने खासतौर पर सीमावर्ती और उन जिलों कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं, जहां लिंगानुपात गड़बड़ाया हुआ है। उन्होंने कहा हालांकि विभाग के प्रयासों से प्रदेश में लिंगानुपात पहले से बेहतर हुआ है लेकिन जहां भी कुछ कमी है, उन्हें जल्द दूर किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए नियमित अंतरराज्यीय बैठकों पर भी जोर दिया।
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चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में अवैध भू्रण जांच रोकने के लिए जल्द ही एक ऎप लॉन्च किया जाएगा, जिससे ऑपरेशंस से जुड़ी जानकारियां एक जगह रह पाएंगी और उन्हें सूचीबद्ध करना आसान होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में अभियान चलाकर कोरोना के चलते निरीक्षण में कमी रह गई थी उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के नॉन फंक्शनल सेंटर्स का सर्वे करवाकर जांच करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लिंगानुपात से जुड़े डेटा के प्रतिदिन विश्लेषण करने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी प्रकार के गैप को कम किया जा सके।
शासन सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्री के.के. पाठक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेटी बचाओ की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बेटियों के महत्व, भू्रण लिंग परीक्षण रोकथाम एवं बेटी बचाओ की दिशा में प्रत्येक नागरिक की भूमिका विषय को शिक्षा विभाग के माध्यम शिक्षा का हिस्सा बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मिशन निदेशक एनएचएम श्री नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि अधिनियम के तहत किये जाने वाले निरीक्षण, फॉर्म एफ आदि डेटा का रियल टाइम अपलोड करने एवं विश्लेषण के लिये तैयार ऑनलाइन एप इंटीग्रेटेड सिस्टम फॉर मॉनीटरिंग ऑफ PCPNDT ACT के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही इसमें डेटा अपलोड का काम शुरू किया जा चुका है।
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बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 2 हजार 46 सोनोग्राफी केन्द्र पंजीकृत हैं। प्रदेश में वर्ष 2020 में 971 निरीक्षण कार्यवाही सहित अब तक कुल 18930 निरीक्षण सम्पादित किये गये हैं। इन निरीक्षणों में विभिन्न कमियां पाये जाने पर अब तक कुल 227 सोनोग्राफी केन्द्रों के रजिस्ट्रेशन निलम्बित एवं 459 निरस्त किये गये हैं। 754 के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है एवं 154 मामलों में सजा दी जा चुकी है।
समिति में सदस्य डॉ. पायल भारद्वाज, डॉ. राजीव आहूजा, डॉ. इंदू गौतम, डॉ. मनोज जैन ने बैठक में ऑनलाइन जुड़कर अपने-अपने सुझाव दिए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी भारद्वाज, निदेशक आरसीएच डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला, परियोजना निदेशक PCPNDT ACT श्रीमती शालिनी सक्सेना, सामाजिक अधिकारिता विभाग से डॉ. मीना शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे
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