
सवाई माधोपुर जिले के 22 गांवों में आई बाढ़ ने अमरूद की बंपर पैदावार को तहस-नहस कर दिया। करीब 14,500 हेक्टेयर में लगे बगीचों में से 5,000 हेक्टेयर पूरी तरह जलमग्न हो गए।
💸 40% फसल का नुकसान, करोड़ों की बर्बादी
किसानों का कहना है कि केवल 20 दिनों की बारिश में करीब 3.84 करोड़ रुपए के अमरूद बह गए। पेड़ों पर लगे फल टूटकर पानी में बह गए, जिससे उत्पादन पर गहरा असर पड़ा।
👨🌾 किसानों की पीड़ा: “बेटी की शादी भी नहीं कर पाएंगे”
रावल गांव के किसान कमल मीणा बताते हैं-
“सोचा था इस साल अमरूद बेचकर बेटी की शादी कर दूंगा, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया। बची हुई फसल से लागत भी नहीं निकल पाएगी।”
📉 मुख्य आय का जरिया छिना
किसानों का कहना है कि बाग ही उनकी मुख्य आय का साधन था। अब बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है।
🌱 नए लगाए बगीचों को सबसे ज्यादा नुकसान
उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक बृजेश मीणा के अनुसार –
“इस साल करीब 5,000 हेक्टेयर में नए बगीचे लगाए गए थे, जो बाढ़ से बर्बाद हो गए। इससे आने वाले सीजन में उत्पादन 40% तक कम होगा।”