रणकपुर जैन मंदिर, पाली: संगमरमर में गढ़ी गई श्रद्धा और शांति

Ranakpur Jain Temple के संगमरमर से बने नक्काशीदार स्तंभ
Explore Ranakpur Jain Temple in Pali, Rajasthan — a 15th-century architectural marvel with 1444 intricately carved marble pillars. Discover its history, design, and spiritual significance.

Ranakpur Jain Temple Pali राजस्थान के पाली ज़िले में स्थित रणकपुर जैन मंदिर भारत के सबसे भव्य और प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर अरावली की शांत पहाड़ियों के बीच स्थित है और भगवान आदिनाथ (पहले तीर्थंकर) को समर्पित है। इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में जैन व्यापारी धन्ना शाह द्वारा एक दिव्य स्वप्न के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें उन्होंने एक स्वर्गीय रथ देखा था। इस स्वप्न से प्रेरित होकर उन्होंने मंदिर बनवाने का संकल्प लिया और मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने भूमि प्रदान की।

मंदिर पूरी तरह सफेद संगमरमर से बना है और लगभग 48,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी सबसे अनोखी विशेषता है — 1444 स्तंभ, जिनमें से प्रत्येक पर अलग-अलग नक्काशी की गई है। कहा जाता है कि कोई भी दो स्तंभ एक जैसे नहीं हैं। मंदिर में 29 मंडप, 80 गुंबद और चार दिशाओं में खुले हुए प्रवेश द्वार हैं, जिससे इसे “चतुर्मुख मंदिर” कहा जाता है।

Ranakpur Jain Temple Pali

मंदिर की छतों, दीवारों और स्तंभों पर की गई बारीक नक्काशी भारतीय शिल्पकला की उत्कृष्टता को दर्शाती है। यहाँ प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था इतनी सुंदर है कि दिन के समय सूर्य की किरणें मंदिर के हर कोने को प्रकाशित करती हैं।

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रणकपुर मंदिर प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन श्रद्धालुओं से संयमित व्यवहार और पारंपरिक पोशाक की अपेक्षा की जाती है। मंदिर परिसर में फोटोग्राफी सीमित है और मुख्य गर्भगृह में अनुमति नहीं होती।

Ranakpur Jain Temple Pali

यह मंदिर न केवल जैन धर्म का एक पवित्र स्थल है, बल्कि यह भारतीय स्थापत्य कला, आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय सौंदर्य का अद्भुत संगम भी है।