
Rani Sati Temple Jhunjhunu राजस्थान के झुंझुनू ज़िले में स्थित रानी सती मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जो किसी देवी-देवता के बजाय एक ऐतिहासिक महिला शख्सियत — नारायणी देवी — को समर्पित है। यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है और सती परंपरा, वीरता और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।
मंदिर की कथा महाभारत काल से जुड़ी है। कहा जाता है कि अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा ने सती होने की इच्छा त्याग दी थी, लेकिन अगले जन्म में नारायणी नाम से जन्म लेकर सती होने का व्रत पूरा किया। उनके पति की हत्या के बाद उन्होंने प्रतिशोध लिया और सती होकर अपने प्रेम और साहस की मिसाल कायम की। इसी कारण उन्हें “रानी सती” या “दादी माँ” के नाम से पूजा जाता है।
Rani Sati Temple Jhunjhunu
मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली की उत्कृष्ट मिसाल है। परिसर में कांच मोज़ाइक, भित्ति चित्र, और संगमरमर की सजावट देखने को मिलती है। यहाँ हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर, सीता मंदिर, और बारह छोटे सती मंदिर भी स्थित हैं। भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा भी मुख्य आकर्षण है।
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हर साल भाद्रपद अमावस्या को यहाँ भव्य मेला आयोजित होता है, जिसमें हज़ारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस दिन विशेष पूजा, चुनरी अर्पण, और भंडारे का आयोजन होता है।
Rani Sati Temple Jhunjhunu
मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और फिर 3:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। प्रवेश निःशुल्क है। झुंझुनू रेलवे स्टेशन से मंदिर लगभग 6 किमी दूर है और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है।