रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) की वैश्विक मांग बढ़ती जा रही है। चीन ने इस क्षेत्र में एकाधिकार कायम कर रखा है, जिससे स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग प्रभावित हो रही है। भारत के साथ रिश्तों में तनाव के समय चीन ने रेयर अर्थ के निर्यात को सीमित किया था।
विश्व स्तर पर चीन के पास 4.4 करोड़ टन, ब्राजील के पास 2.1 करोड़ टन और भारत के पास लगभग 70 लाख टन ऐसे मिनरल्स मौजूद हैं। भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बढ़ती मांग के साथ यह संसाधन बेहद महत्वपूर्ण होगा।
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भारत ने इस अवसर को भुनाने के लिए नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन शुरू किया है। इसका उद्देश्य देश में रेयर अर्थ मिनरल्स का निष्कर्षण, शुद्धिकरण और रिफाइनिंग करके वैश्विक आपूर्ति में हिस्सेदारी बढ़ाना है। हालांकि प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन यह भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
