सबरीमाला मंदिर: अय्यप्पा स्वामी का तपस्थल और विश्व का सबसे बड़ा वार्षिक तीर्थ

“घने जंगलों के बीच स्थित अय्यप्पा स्वामी का मंदिर परिसर”
केरल के पश्चिमी घाट में स्थित सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है। यह मंदिर तपस्या, मकरविलक्कु उत्सव और 41 दिन की व्रत साधना के लिए प्रसिद्ध है।

Sabarimala Temple Kerala पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखला में स्थित सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है, जो शिव और विष्णु के मोहिनी रूप से उत्पन्न हुए हरिहरपुत्र माने जाते हैं। यह मंदिर भारत का सबसे कठिन और विशाल तीर्थस्थल है, जहाँ प्रतिवर्ष 10 से 15 मिलियन श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

🔱 पौराणिक कथा और धार्मिक महत्ता

Sabarimala Temple Kerala

  • भगवान अय्यप्पा का जन्म महिषी नामक राक्षसी के वध के लिए हुआ था
  • वध के बाद उन्होंने अपने पालक पिता राजा राजशेखर को बताया कि वे देवलोक लौटेंगे, लेकिन पहले पृथ्वी पर एक मंदिर बनवाना चाहते हैं
  • उन्होंने एक तीर चलाया, जो सबरी पर्वत पर गिरा — वहीं मंदिर की स्थापना हुई
  • अय्यप्पा को ब्रह्मचारी, धर्मशास्ता, और तपस्वी योद्धा के रूप में पूजा जाता है

🛕 मंदिर का इतिहास और स्थापत्य

  • मंदिर का मूल निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ माना जाता है
  • वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण 1950 में आगजनी के बाद हुआ
  • मंदिर की वास्तुकला केरल वास्तुशास्त्र पर आधारित है — जिसमें लकड़ी, तांबे और पंचधातु का प्रयोग हुआ है
  • मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को घने जंगलों, पहाड़ियों और नदियों से होकर गुजरना पड़ता है

Read More: ISKCON श्रीकृष्ण बलराम मंदिर: वृंदावन की वैश्विक भक्ति चेतना और हरिनाम संकीर्तन का केंद्र

🎉 तीर्थ यात्रा और अनुष्ठान

Sabarimala Temple Kerala

  • मंदिर वर्ष में केवल विशेष अवसरों पर खुलता है:
    • मंडल पूजा (15 नवंबर – 26 दिसंबर)
    • मकरविलक्कु (14 जनवरी)
    • मलयालम महीने के पहले 5 दिन
  • श्रद्धालु 41 दिन की कठिन व्रत साधना करते हैं — जिसमें ब्रह्मचर्य, काले वस्त्र, और इरुमुडी किट अनिवार्य होता है
  • मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियाँ केवल इरुमुडी किट धारण करने वाले भक्त ही चढ़ सकते हैं
  • महिलाओं के प्रवेश को लेकर ऐतिहासिक रूप से विवाद रहा है — विशेष रूप से 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं के लिए प्रतिबंधित रहा है