विद्यार्थियों में उद्यमिता की सोच: नौकरी नहीं, अब निर्माण की दिशा

“कॉलेज में स्टार्टअप आइडिया पर काम करते छात्र”

Student Entrepreneurship India: बदलते समय के साथ अब विद्यार्थी केवल नौकरी की तलाश में नहीं, बल्कि स्वयं अवसर निर्माण की दिशा में सोचने लगे हैं। भारत में स्टार्टअप संस्कृति के बढ़ते प्रभाव, डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता और नीति समर्थन ने युवाओं को उद्यमिता की ओर आकर्षित किया है। कॉलेजों में अब “इनोवेशन क्लब”, “स्टार्टअप सेल” और “इंटरप्रेन्योरशिप फेयर” आम हो चुके हैं।

Student Entrepreneurship India

उद्यमिता की सोच विद्यार्थियों को समस्या-समाधान, जोखिम लेने की क्षमता, और नेतृत्व कौशल सिखाती है। IIT, IIM, और NIT जैसे संस्थानों में अब इनक्यूबेशन सेंटर और एंजेल इन्वेस्टमेंट नेटवर्क्स सक्रिय हैं। साथ ही, स्कूली स्तर पर भी “बिज़नेस मॉडल प्रतियोगिता” और “डिज़ाइन थिंकिंग वर्कशॉप” जैसे कार्यक्रमों से बच्चों को नवाचार की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।

सरकारी योजनाएँ जैसे Startup India, Atal Innovation Mission, और TIDE 2.0 विद्यार्थियों को तकनीकी, वित्तीय और सलाहकारी सहायता प्रदान कर रही हैं। 2025 में भारत में 1 लाख से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स हैं — जिनमें से 12% की स्थापना कॉलेज छात्रों ने की है। यह दर्शाता है कि उद्यमिता अब केवल उद्योगपतियों की दुनिया नहीं, बल्कि छात्रों की सोच का हिस्सा बन चुकी है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि उद्यमिता से छात्रों में आत्मनिर्भरता, रचनात्मकता, और सामाजिक प्रभाव की भावना विकसित होती है। साथ ही, यह उन्हें असफलता से सीखने, टीम बनाने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की क्षमता देता है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे Shark Tank India, LinkedIn और GitHub पर युवा अपने आइडिया साझा कर रहे हैं और निवेशकों से जुड़ रहे हैं।

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निष्कर्षतः, विद्यार्थियों में उद्यमिता की सोच एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति का संकेत है। जब युवा केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाधान, सेवा और नवाचार की दिशा में सोचते हैं — तब देश का भविष्य केवल सुरक्षित नहीं, बल्कि सशक्त भी होता है। यह बदलाव शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, प्रेरक और उद्देश्यपूर्ण बना रहा है।