सरकार खेल रही कमेटियों का खेल: कर्मचारी संयुक्त महासंघ का आंदोलन का निर्णय

गंगापुरसिटी। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने राज्य कर्मचारियों, बोर्ड, निगम, स्वायतशासी, पंचायतीराज, सहकारी संस्थाओं एवं अस्थायी आधार पर कार्यरत कार्मिकों के प्रशासनिक व वित्तीय हितों पर कुठराघात, वायदा खिलाफी व संवेदनहीनता के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन करनपे की घोषणा कर आर-पार संघर्ष का निर्णय किया है।

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जिलाध्यक्ष रामबाबू शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा कार्मिकों के शोषण की पराकाष्ठा की जा रही है। इससे कर्मचारियों में राज्य सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। महासंघ व विभिन्न घटकों के के साथ हुए समझौते व सहमतियों की क्रियान्विती नहीं की जा रही है। सरकार कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए कमेटी गठन का खेल खेल रही है। सरकार ने जिस सामन्त कमेटी पर करोड़ों रुपए खर्च किए, उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना ही खेमराज चौधरी आईएएस की अध्यक्षता में नई कमेटी का गठन कर दिया है। उन्होंने कहा कि महासंघ इस कमेटी का विरोध करता है। इसके चलते कर्मचारी आंदोलन करने को विवश हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में वीडियो क्रांफ्रेंस के माध्यम से राजनीतिक व सामाजिक संगठनों से संवाद स्थापित करने का कीर्तिमान स्थापित किया, लेकिन वैश्विक महामारी के दौरान जान हथेली पर रख कर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्विती के लिए प्रतिबद्ध राज्य कर्मचारियों के साथ सरकार ने अब तक संवेदनहीनता रखी है। वेतन कटौती के कारण करोडों रुपए की वसूली की तलवार लटकी हुई है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जिसमें कर्मचारियों के वेतन का पुन:निर्धारण कर उनकी जेब काटी गई है। इसके विरोध में महासंघ की ओर से 31 सितम्बर तक के लिए आंदोलन की रूपरेखा तय की गई है।