गैंगरेप केस में हंगामे का तीसरा दिन:राहुल-प्रियंका 35 सांसदों के साथ थोड़ी देर में हाथरस रवाना होंगे, राहुल का ट्वीट- कोई ताकत मुझे नहीं रोक सकती

हाथरस गैंगरेप मामले में हंगामे के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज फिर हाथरस के लिए रवाना होंगे। उनके काफिले में कांग्रेस के 35 सांसद भी शामिल होंगे। राहुल ने ट्वीट किया है कि दुनिया की कोई ताकत मुझे पीड़ित परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती। इससे पहले गुरुवार को राहुल और प्रियंका को हाथरस जाते वक्त ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर रोक दिया गया था। दोनों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनसे कहा कि आपने धारा 188 का वॉयलेशन किया है। पुलिस ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी थी। धक्कामुक्की में वे नीचे गिर गए, और हाथ में चोट लग गई। राहुल और प्रियंका को 4 घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। दोनों हाथरस के बुलीगढ़ गांव जाकर गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे। 

पीड़ित के गांव के बाहर पुलिस का पहरा
राहुल को पुलिस आज फिर रोकेगी, क्योंकि पूरे हाथरस जिले में धारा 144 लागू है, सीमाएं सील हैं और विपक्षी दलों के नेताओं को गैंगरेप पीड़ित के गांव में एंट्री नहीं दी जा रही। सरकार ने हाथरस की घटना से जुड़े थाने के पुलिसकर्मियों और आरोपियों के साथ ही पीड़ित परिवार के लोगों का भी नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है।

प्रियंका ने कहा- पीड़ित परिवार को कैद कर धमकियां दी जा रहीं: यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।

तृणमूल सांसदों को भी पुलिस ने धक्के मारकर भगा दिया था
शुक्रवार को तृणमूल के सांसदों को भी गांव के बाहर ही रोक दिया गया। सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पुलिस ने धक्के देकर गिरा दिया। तृणमूल सांसद प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने हाथरस सदर के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा के खिलाफ बदसलूकी का मामला दर्ज करवाया है।

क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।

गौरतलब है कि पूरे मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था, जिसे 14 अक्तूबर तक अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था। हाथरस प्रशासन ने गुरुवार को सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी।